Last Updated:May 26, 2025, 09:26 ISTNPCI ने 30 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन में असली नाम दिखाने का नियम लागू किया है. इससे गूगल पे, फोनपे और पेटीएम पर बैंक में दर्ज नाम ही दिखेगा, जिससे धोखाधड़ी रुकेगी.UPI के माध्यम से पैसे भेजने का मौजूदा तरीका पहले जैसा ही रहेगा.हाइलाइट्सNPCI ने 30 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन में असली नाम दिखाने का नियम लागू किया.नए नियम से गूगल पे, फोनपे और पेटीएम पर बैंक में दर्ज नाम ही दिखेगा.धोखाधड़ी रोकने और लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया.नई दिल्ली. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए एक बड़ा अपडेट आने वाला है. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 30 जून 2025 से एक नया नियम लागू करने का फैसला लिया है. इसके तहत अब गूगल पे (Google Pay), फोनपे (PhonePe) और पेटीएम (Paytm) जैसे ऐप्स पर केवल वही नाम दिखाई देगा जो रिसीवर के बैंक खाते में है. फिलहाल UPI ट्रांजैक्शन के समय रिसीवर का नाम वही दिखता है, जो यूजर ने अपने फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव किया होता है. साइबर अपराधी इसी का फायदा उठाकर नकली या भ्रामक नामों से लोगों को ठग लेते हैं.
NPCI ने धोखाधड़ी को रोकने और लेन-देन को सुरक्षित बनाने की दिशा में यह अहम कदम उठाया है. नए नियम के अनुसार, जब कोई यूजर मोबाइल नंबर, UPI ID या QR कोड स्कैन कर के पेमेंट करेगा, तो स्क्रीन पर प्राप्तकर्ता का वही नाम दिखाई देगा जो उसके बैंक रिकॉर्ड में दर्ज है. इसका मतलब यह है कि अब उपनाम या किसी यूजर द्वारा सेव किए गए नाम नहीं दिखेंगे. यह नियम व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M), दोनों प्रकार की ट्रांजैक्शन पर लागू होगा.
पेमेंट का तरीका नहीं बदलेगा
UPI के माध्यम से पैसे भेजने का मौजूदा तरीका पहले जैसा ही रहेगा. यूजर्स मोबाइल नंबर, UPI ID या QR कोड से पेमेंट कर सकते हैं. फर्क बस इतना होगा कि कन्फर्मेशन से पहले जो नाम दिखाई देगा वह सिर्फ बैंक में रजिस्टर्ड नाम होगा.
ये होंगे इस बदलाव के फायदे
धोखाधड़ी पर लगाम: असली नाम दिखने से फर्जी या भ्रामक नामों से बचा जा सकेगा.
सुरक्षा में इजाफा: यूजर्स अब ट्रांजैक्शन से पहले असली रिसीवर की पहचान कर सकेंगे.
गलती से बचाव: एक जैसे नामों के कारण गलत व्यक्ति को पैसे भेजने की संभावना कम होगी.
यूजर्स के लिए जरूरी सावधानियां
ट्रांजैक्शन करते समय स्क्रीन पर दिख रहे नाम को ध्यान से जांचें.
अगर नाम अपरिचित या संदिग्ध लगे तो पेमेंट रोक दें.
किसी भी अनजान QR कोड को स्कैन करने से पहले सतर्क रहें.
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत बैंक या संबंधित ऐप की कस्टमर सपोर्ट टीम से करें.
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