Noida News: वेव ग्रुप को राहत, वापस मिलेगी 1.08 लाख स्क्वायर मीटर जमीन, 2500 करोड़ रुपये नहीं चुकाने पर हुआ था एक्शन

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Noida News: वेव ग्रुप (Wave Group) के लिए राहत की खबर है. दरअसल, यूपी सरकार ने नोएडा अथॉरिटी के फरवरी 2021 के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें वेव ग्रुप की 1.08 लाख स्क्वायर मीटर की प्राइम कमर्शियल लैंड की लीज रद्द कर दी गई थी. सरकार के मुताबिक, निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की अनुमति दे रही है.

यह जमीन 2011 में वेव मेगा सिटी सेंटर (WMCC) प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 25A और 32 में मिक्स्ड लैंड-यूज प्रोजेक्ट के लिए आवंटित की गई थी. राज्य सरकार ने 25 अगस्त को एक आदेश में वेव की लीज को बहाल कर दिया.

ऑथरिटी के फैसले को दी थी चुनौती
वेव ने नोएडा अथॉरिटी के आदेश के खिलाफ सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर की थी. नोएडा अथॉरिटी ने 17 नवंबर, 2023 को एक रिपोर्ट पेश की और इस साल 11 जून को सुनवाई हुई, जिसके बाद अंतिम आदेश पारित किया गया.

PSP फ्रेमवर्क के तहत रीकैलकुलेट की जाएगी बकाया
संशोधित शर्तों के तहत वेव के कुल बकाया 1,156 करोड़ रुपये को प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी (PSP) फ्रेमवर्क के तहत रीकैलकुलेट की जाएगी, जिसमें ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली एक कमेटी मार्गदर्शन प्रदान करेगी. जिस जमीन की लीज रद्द की गई थी, उसके लिए कोई ब्याज या जुर्माना लागू नहीं होगा. हालांकि, जब तक वेव संशोधित शर्तों का पूरी तरह से पालन नहीं करता, तब तक डेवलपर उस जमीन पर थर्ड पार्टी राइट्स नहीं बना सकता.

2011-12 में शुरू हुई थी मेगा सिटी सेंटर प्रोजेक्ट
वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2011-12 में सेक्टर 25ए और 32 में मेगा सिटी सेंटर प्रोजेक्ट शुरू की थी. इनीशियल डिलीवरी 2014 तक अपेक्षित थी, लेकिन रेसिडेंशियल टावरों और दूसरे कमर्शियल स्पेस में यूनिट्स अभी भी अधूरी हैं, हालांकि सेक्टर 32 में कुछ दुकानें पूरी हो चुकी हैं.

2017 में PSP के तहत आवेदन
राज्य सरकार ने 15 दिसंबर, 2016 को पीएसपी लाई, जिससे आंशिक सरेंडर और प्रोजेक्ट के रीस्ट्रक्चरिंग की अनुमति मिली. वेव मेगा सिटी सेंटर ने 2017 में पीएसपी के तहत आवेदन किया, जिसमें मूल आवंटन में से केवल 1.57 लाख स्क्वायर मीटर को बनाए रखने की मांग की गई. बाद की कार्यवाही में वेव मेगा सिटी सेंटर ने ज्यादा ब्याज दरों पर चिंता जताई और पुनर्विचार की मांग की. इस पर विचार-विमर्श के बाद, 3 दिसंबर 2020 को नोएडा अथॉरिटी बोर्ड ने फैसला लिया कि डेवलपर द्वारा चुकाई गई मूल राशि को प्रीमियम पेमेंट के रूप में माना जाएगा, जबकि ब्याज बकाया को ज्यों का त्यों रखा जाएगा.

2500 करोड़ रुपये नहीं चुकाने पर हुआ था एक्शन
इसके बाद, नोएडा अथॉरिटी ने लगभग 2,500 करोड़ रुपये के पेमेंट के लिए 1.08 लाख स्क्वायर मीटर के लिए अंतिम नोटिस जारी किया. पेमेंट नहीं होने पर नोएडा नोएडा अथॉरिटी ने कैंसिलेशन आदेश जारी किया और जमीन को वापस ले लिया.

Tags: Noida news, Real estate, Real estate market

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