यूनिवर्सल पेंशन स्कीम: हर सिटिजन को बुढ़ापे का खर्चा! नौकरी वाले हों या डिलिवरी वाले, बंदोबस्त कर रही सरकार

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Last Updated:March 22, 2025, 11:56 ISTभारत में पेंशन योजनाओं को एकीकृत करने के लिए सरकार यूनिफाइड सिस्टम तैयार करने में जुटी है. सारी शिकायतें एक ही सिस्टम के जरिए सुलझेंगी और जल्दी से निपटान होगा. साथ ही यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने पर विचार कर रही …और पढ़ेंहाइलाइट्ससरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पर विचार कर रही है.सभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ देने की योजना.पेंशन योजनाओं के लिए समान नियामक और पर्यवेक्षी ढांचा बनेगा.फिलहाल भारत में कई तरह की पेंशन योजनाएं चल रही हैं. एक अप्रैल 2025 से एक नई योजना भी आ जाएगी, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कहा जा रहा है. इससे पहले न्यू पेंशन सिस्टम (NPS) भी चल ही रही है. अभी बहुत से रिटायर हो चुके ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो ओल्ड पेंशन स्कीम पा रहे हैं और आने वाले कुछ सालों तक पाते रहेंगे. केवल इतना ही नहीं, कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) भी एक अलग तरह का पेंशन योजना है. अब समस्या ये है कि इन तमाम पेंशन योजनाओं के लिए फ्रेमवर्क अलग-अलग है. कैसा हो, अगर सभी पेंशन योजनाओं के लिए एक कॉमन रेगुलेटरी और सुपरवाइजरी फ्रेमवर्क हो? यदि ऐसा होता है तो यह बहुत सारी समस्याओं का एकसाथ हल होगा और अच्छी बात ये है सरकार इसी दिशा में काम कर रही है.

इसके अलावा, एक अच्छी खबर यह भी आ रही है कि सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) लाने पर भी विचार कर रही है, जिससे हर नागरिक को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा मिल सके. इस योजना के तहत, सभी प्रकार के कर्मचारियों (सरकारी, निजी, संगठित और असंगठित क्षेत्रों) को पेंशन का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है.

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार. भारत सरकार पेंशन सिस्टम को मजबूत करने और इसमें सुधार लाने के लिए सरकार एक समान नियामक और पर्यवेक्षी ढांचे पर काम कर रही है. इसके तहत, विभिन्न रिटायरमेंट फाइनेंसिंग योजनाओं को एकीकृत करने के साथ-साथ शिकायत निवारण (Grievance Redressal) का भी प्रभावशाली सिस्टम डेवलप किया जाएगा.

पेंशन सिस्टम में बदलाव की जरूरत क्यों?वर्तमान में भारत की पेंशन व्यवस्था काफी बिखरी हुई है, जिसमें विभिन्न योजनाओं के लिए अलग-अलग नियामक (Regulators) हैं. इससे पेंशन योजनाओं का प्रभाव सीमित हो जाता है और कई लोग इसके दायरे से बाहर रह जाते हैं.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): यह एक ऐच्छिक योजना (Voluntary Scheme) है, जिसका मतलब है कि कोई भी इसमें अपनी मर्जी से योगदान कर सकता है.

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS): यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आती है, लेकिन इसमें केवल ₹15,000 प्रति माह तक वेतन पाने वाले कर्मचारी ही शामिल हो सकते हैं.

बहुत बड़ी संख्या में कर्मचारी, खासतौर पर गैर-संगठित क्षेत्र (Unorganized Sector) में काम करने वाले लोग, किसी भी पेंशन योजना के अंतर्गत नहीं आते. उनके लिए अटल पेंशन योजना जैसी स्कीम है, मगर उसमें काफी इफ एंड बट्स भी हैं. कई तरह की कंडीशन्स अप्लाई होती हैं.

क्या है सरकार का नया प्रस्तावसरकार एक ऐसा मंच (Forum) बनाने की योजना बना रही है जो सभी पेंशन योजनाओं के लिए समान नियम और दिशा-निर्देश तय करेगा. इस मंच का उद्देश्य पेंशन योजनाओं के नियमों में समानता लाना और विभिन्न नियामकों के बीच तालमेल बैठाना होगा.

दूसरा उद्देश्य शिकायत निवारण तंत्र (Grievance Redressal Mechanism) को प्रभावी बनाना है, ताकि पेंशनधारकों की समस्याओं का समाधान तेजी से हो सके. साथ ही सरकार चाहती है कि नई पेंशन योजनाएं आगे बढ़ें और अधिक लोगों तक इनका लाभ पहुंचे.

मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करने से एक लाभ यह भी होगा कि सरकार का प्रशासनिक बोझ कम हो जाएगा और काम में तेजी आएगी. एक समान रिपोर्टिंग फॉर्मेट तैयार करना बेहतर रहेगा. जिससे नियामकों और सरकार के लिए डेटा प्रबंधन आसान होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में पेंशन से जुड़ी नियामकीय समन्वय समिति (Regulatory Coordination Forum) बनाने की घोषणा की थी. यह मंच न केवल नए पेंशन प्रोडक्ट्स को विकसित करेगा, बल्कि बाजार को अधिक संगठित और प्रभावी बनाने में भी मदद करेगा.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 22, 2025, 11:56 ISThomebusinessयूनिवर्सल पेंशन स्कीम: हर सिटिजन के बुढ़ापे का खर्चा का बंदोबस्त कर रही सरकार

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