Last Updated:May 10, 2025, 16:11 ISTडोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर न्यूनतम 10% बेसलाइन की घोषणा की है, जिससे दक्षिण कोरिया और अन्य देश प्रभावित होंगे. रूस-चीन गठजोड़ को अमेरिका के लिए खतरा बताया गया है.भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है. हाइलाइट्सट्रंप ने न्यूनतम 10% टैरिफ की घोषणा की.दक्षिण कोरिया और अन्य देश प्रभावित होंगे.रूस-चीन गठजोड़ को अमेरिका के लिए खतरा बताया.नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मचाए हुए हैं. अमेरिका भारत सहित कुछ अन्य देशों के साथ भी व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है. लेकिन, अब ट्रंप ने साफ कर दिया है कि कुछ अपवादों को छोड़कर अमेरिका आयातित वस्तुओं पर कम से कम 10 फीसदी टैरिफ तो लगाएगा ही. दक्षिण कोरिया और दूसरे देश नए अमेरिकी शुल्कों के प्रभाव से बचने या उसे कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी मंशा उस सवाल के जवाब में साफ की, जिसमें ट्रंप से पूछा गया था कि क्या अमेरिकी निर्यात पर शून्य टैरिफ की पेशकश करने वाले देशों पर भी बेसलाइन टैरिफ प्रभावी रहेगा. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “आपके पास हमेशा एक बेसलाइन होगी. हालांकि, किसी बिंदु पर अपवाद हो सकता है. हम देखेंगे कि कोई हमारे लिए कुछ असाधारण करता है या नहीं.”
बेसलाइन टैरिफ की वकालतट्रंप ने कहा, “यह हमेशा संभव है, लेकिन मूल रूप से, आपके पास न्यूनतम 10 प्रतिशत की बेसलाइन है और उनमें से कुछ बहुत अधिक होंगी – 40 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 60 प्रतिशत, जैसा कि वे वर्षों से हमारे साथ कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि चार-पांच और इससे ज्यादा व्यापार सौदे “तुरंत होने वाले हैं”, लेकिन उन्होंने यह निर्दिष्ट नहीं किया कि कौन से देश अमेरिका के साथ उन सौदों को तय करने जा रहे हैं.
बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को प्रभावी हो गया, जबकि ट्रंप ने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं और दूसरे संबंधित मुद्दों पर बातचीत करने की अनुमति देने के लिए दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत शुल्क सहित हाईर कंट्री-स्पेसिफिक ‘रेसिप्रोकल’ टैरिफ को 8 जुलाई तक रोक दिया.
रूस-चीन गठजोड़ अमेरिका के लिए खतराइस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और रूस के बीच निरंतर सहयोग संयुक्त राज्य अमेरिका और दूसरे देशों को ‘कम सुरक्षित’ बना देगा, क्योंकि दोनों देशों के लीडर्स ने उत्तर कोरिया का बचाव करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया था. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ एकतरफा उपाय और सैन्य दबाव की नीति को छोड़ने के लिए संबंधित राज्यों का आह्वान किया.
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