अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब किस पर कितना टैरिफ ठोक देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता. यह उनके मूड पर निर्भर है. वे न तो दोस्तों को पहचान पा रहे हैं और न ही दुश्मनों को. ट्रेड के रास्ते में जो भी आ रहा है उनकी नीतियों का शिकार हो रहा है. अब तो उन्होंने अमेरिका की ही कंपनी Apple पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने ऐपल के मालिक टिम कुक से कहा था कि वे भारत में फैक्ट्री न लगाएं. लेकिन टिम कुक ने बात नहीं मानी. लेकिन यह सिर्फ अकेला मामला नहीं है. ट्रंप धमकी देने में अपना-पराया सब भूल गए हैं.
Apple पर टैरिफ का ऐलान करने के तुरंत बाद ट्रंप ने अगले महीने से यूरोपीय यूनियन पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि ब्रुसेल्स के साथ ट्रेड टॉक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रही है. इसलिए मेरे पास अब टैरिफ लगाने के अलावा कोई चारा नहीं है. यूरोपीय देशों ने अमेरिकी व्हिस्की पर 50% टैरिफ लगाया है. इसके जवाब में ट्रंप ने यूरोपीय वाइन, शैंपेन और स्पिरिट्स पर 200% टैरिफ की धमकी दी है. इस डर से यूरोप ने अपने टैरिफ टाल दिए. लेकिन ट्रंप रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
कौन-कौन निशाने पर?‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी पर चल रहे ट्रंप काफी आक्रामक हो गए हैं. भारत ही नहीं, चीन, यूरोपीय यूनियन, कनाडा, मैक्सिको और जापान जैसे देश उनके निशाने पर हैं. ट्रंप की धमकियां सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी देशों में भेद नहीं कर रही हैं, जिससे पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है. ट्रंप ने चीन पर सबसे ज्यादा टैरिफ ठोंक डाला है, जो 145% तक पहुंच चुका है. इसमें 20% और 50% की एक्स्ट्रा बढ़ोत्तरी भी शामिल है.
कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लागू हैं, हालांकि अमेरिकी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को छूट मिली है. जापान पर 24% और साउथ कोरिया पर 25% टैरिफ ने इन देशों में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ा दी है. कोलंबिया को 25% टैरिफ की धमकी दी गई, जो बाद में 50% तक बढ़ाने की चेतावनी बनी, जब तक उसने अमेरिकी डिपोर्टेशन उड़ानों को स्वीकार नहीं किया. ट्रंप ने BRICS देशों को भी चेतावनी दी कि अगर वे अमेरिकी डॉलर को रिजर्व मुद्रा के रूप में बदलने की कोशिश करेंगे, तो 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
Apple पर खास निशानाट्रंप ने Apple को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि भारत या अन्य देशों में बने iPhone अमेरिका में बेचने पर 25% टैरिफ देना होगा. उनका तर्क है कि यह अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देगा, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे iPhone की कीमतें बढ़ेंगी, जिसका खामियाजा अमेरिकी उपभोक्ता भुगतेंगे. Apple ने भारत में उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन ट्रंप की नीति से कंपनी पर दबाव बढ़ रहा है.
क्या कहते हैं एक्सपर्टट्रेड एक्सपर्ट डॉ. राघव शर्मा ने कहा, ट्रंप की टैरिफ नीति ग्लोबल सप्लाई चेन को तोड़ सकती है. Apple जैसी कंपनियां, जो पूरी दुनिया में प्रोडक्ट बेचती हैं, वे अपनी कीमतें बढ़ाएंगी. इससे महंगाई बढ़ना तय है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने 2025 के लिए ग्लोबल डेवलपमेंट इंडेक्श का अनुमान घटा दिया है. इससे अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ गई है.
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