नई दिल्ली. डिफेंस, टूरिज़्म, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और अन्य सेक्टर आधारित थीम्स पर आधारित म्यूचुअल फंड्स इन दिनों निवेशकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं. लेकिन हालिया आंकड़े बताते हैं कि इस तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद इन फंड्स का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है. निवेशकों की उम्मीदें कुछ और कहती हैं, जबकि असलियत कुछ और.मनीकंट्रोल में छपी एक खबर में Ace Equity के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि पिछले एक साल में जिन 78 थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की यूनिक स्कीम्स का डेटा उपलब्ध है, उनमें से 94.87% यानी 74 फंड्स ने Nifty 50 इंडेक्स से भी खराब प्रदर्शन किया. 68 फंड्स BSE 200 से पिछड़ गए और 37 फंड्स तो अपने खुद के बेंचमार्क से भी कमतर रहे. इसके बावजूद थीमैटिक फंड्स में निवेश की लहर थमने का नाम नहीं ले रही.
फंड लॉन्च हो रहे हैं, लेकिन आधार क्या है?
May 2025 में 19 नए फंड लॉन्च हुए, जिनमें से 43% थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स थे. अकेले मई में ₹2,052 करोड़ थीमैटिक फंड्स में निवेश हुआ. ये साफ दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा बना हुआ है, लेकिन एक्सपर्ट्स और रेगुलेटर इसे लेकर चिंतित हैं.
सेबी ने जताई चिंता, नया सर्कुलर जल्द
फरवरी 2025 में SEBI की चेयरपर्सन मधाबी पुरी बुच ने साफ कहा कि थीमैटिक फंड्स को लेकर संरचनात्मक स्तर पर बदलाव की ज़रूरत है. सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने भी संकेत दिया कि स्कीम कैटेगराइजेशन को लेकर समीक्षा जारी है. माना जा रहा है कि जल्द ही एक कंसल्टेशन पेपर या ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया जाएगा.
फंड हाउस भी बोलने लगे हैं सच्ची बात
HDFC AMC के एमडी और AMFI के चेयरमैन नवनीत मुनोट ने Moneycontrol Mutual Fund Summit में कहा – “Innovation की अपनी जगह है, लेकिन वह निवेशक के हितों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए.” उन्होंने माना कि कई बार फंड्स सिर्फ ट्रेंड देखकर लॉन्च किए जाते हैं, जबकि असली जिम्मेदारी निवेशकों की सुरक्षा है. DSP Mutual Fund के सीईओ कल्पेन पारेख ने भी स्पष्ट रूप से कहा, “हम हर फंड से पहले सोचते हैं. क्या हम खुद इसमें पैसा लगाएंगे? अगर नहीं, तो वो फंड लॉन्च ही नहीं होता.”
Edelweiss AMC की प्रमुख राधिका गुप्ता ने कहा कि अब समय है कि सिर्फ नए प्रोडक्ट बनाने से आगे बढ़कर हम निवेशकों को ये भी सिखाएं कि इनका सही इस्तेमाल कैसे किया जाए. उन्होंने कहा कि टूरिज्म, EV जैसे थीम आधारित फंड्स को ‘कोर पोर्टफोलियो’ नहीं, बल्कि ‘सैटेलाइट होल्डिंग’ की तरह इस्तेमाल करना चाहिए.
पिछले एक साल में कमजोर प्रदर्शन करने वाले प्रमुख फंड्स
Samco Special Opportunities Fund: -17.07% (बेंचमार्क: +5.04%)
Quant PSU Fund: -10.02% (बेंचमार्क: -4.68%)
HDFC MNC Fund: -9.75% (बेंचमार्क: -4.28%)
Quant Manufacturing Fund: -9.60% (बेंचमार्क: -1.06%)
Quant Quantamental Fund: -7.53% (बेंचमार्क: +5.58%)
HDFC Defence Fund: एक केस स्टडी
HDFC का डिफेंस फंड जून 2023 में लॉन्च हुआ था, जब डिफेंस सेक्टर में उत्साह चरम पर था. AUM ₹6,674 करोड़ तक पहुंच गया, लेकिन जून 2024 में AMC ने नए SIP और लंपसम इनवेस्टमेंट बंद कर दिए क्योंकि वैल्यूएशन काफी ऊपर जा चुका था. अब जून 2025 में इसका इंडेक्स रिटर्न मात्र -0.05% है, जबकि मई 2025 में यह 21.84% ऊपर था.
निवेशकों को चेतावनी
Vikas Gupta (Omniscience Capital) ने कहा कि निवेशकों को खासतौर पर थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स में P/E रेशियो जैसे वैल्यूएशन मीट्रिक्स का ध्यान रखना चाहिए ताकि सेक्टोरल बबल से बचा जा सके.
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