एग्रीकल्‍चर इनकम बताकर टैक्‍स छूट लेने वालों की खैर नहीं, शुरू हो गई जांच

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Last Updated:March 07, 2025, 11:36 ISTTax on Agri Income : खेती से हुई कमाई पर इनकम टैक्‍स छूट लेने वालों की जांच अब विभाग ने शुरू की है. इसमें ऐसे व्‍यक्ति और संस्‍थाएं शामिल हैं, जिन्‍होंने 50 लाख से ज्‍यादा की इनकम का दावा किया था.एग्रीकल्‍चर इनकम पर टैक्‍स की छूट मिलती है. हाइलाइट्सआयकर विभाग ने कृषि आय पर टैक्‍स छूट की जांच शुरू की.50 लाख से अधिक की कृषि आय का दावा करने वालों पर नजर.कृषि उद्देश्यों के लिए भूमि उपयोग का प्रमाण देना होगा.नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स बचाने के लिए लोग कई दशक से कृषि आय और खेती की जमीन की बिक्री का उपयोग करते आए हैं. इसे काले धन को सफेद करने के लिए भी इस्‍तेमाल किया जाता रहा है. लेकिन, अब आयकर विभाग (आईटी) देशभर में इसकी जांच कर रहा है. विभाग ने विभिन्न राज्यों में उन मामलों पर ध्यान देना शुरू किया है, जहां व्यक्तियों अथवा संस्थाओं ने बिना किसी जमीन के मालिक होने के बावजूद 50 लाख रुपये या उससे अधिक की कृषि योग्‍य आय दिखाई है.

इनकम टैक्‍स विभाग उन मामलों की भी जांच कर रहा है, जहां प्रति एकड़ ₹5 लाख की अवास्तविक कृषि आय घोषित की गई है, जो सामान्य रुझानों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा के साथ मेल नहीं खाती है. यह मामला कर कार्यालय द्वारा कितनी गहराई से जांचा जाता है, इस पर निर्भर करता है. यह जांच कुछ क्षेत्रों में हलचल मचा सकती है, खासकर जब राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली पार्टियों की सीधी और अप्रत्यक्ष भूमि स्वामित्व की बात आती है.

क्‍यों हो रही जांचटैक्‍स कानून के तहत कृषि आय को इनकम टैक्‍स और वस्तु एवं सेवा कर (GST) से छूट मिली हुई है. वर्तमान जांच का संबंध आयकर जांच निदेशालय, जयपुर से जुड़े कुछ मामलों से है, जिसमें उन संस्थाओं की पहचान की गई है जो अपने आयकर रिटर्न में ₹50 लाख से अधिक की कृषि आय का दावा कर रही थीं. विभाग को लगता है कि ऐसे दावों में घोटाले का अनुमान दिख रहा है, जिसकी जांच शुरू की गई है.

बचने के लिए क्‍या करना होगाविभाग द्वारा पहचाने गए इन किसानों को कृषि उद्देश्यों के लिए भूमि का उपयोग करने का पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. खासकर जब से पहले उपग्रह छवियों का उपयोग कृषि गतिविधियों की पुष्टि के लिए किया गया है. गैर-कृषि स्रोतों से होने वाली आय, जैसे भूमि प्लॉटिंग और बिक्री से कमाई, शहरी कृषि भूमि की बिक्री, व्यावसायिक उपयोग के लिए फार्महाउस किराए पर देना, पोल्ट्री फार्मिंग और इसी तरह की गतिविधियां टैक्‍स छूट के लिए योग्य नहीं हैं और इन्हें टैक्‍स के लिए रिपोर्ट करना आवश्यक है.

किन चीजों पर मिलती है टैक्‍स छूटएग्रीकल्‍चर इनकम में खेत की उपज की बिक्री या उन जमीनों से किराया शामिल हो सकता है जो नगरपालिका सीमा से बाहर हैं. जिन क्षेत्रों में न्यूनतम जनसंख्या कानून के तहत है. कृषि भूमि से कर-मुक्त आय भी उस कृषि भूमि की बिक्री से उत्पन्न पूंजीगत लाभ से हो सकती है, जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(14)(iii) में परिभाषित पूंजीगत संपत्ति की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आती है. इसी तरह, कृषि भूमि की बिक्री के मामले में भूमि का विवरण आयकर रिटर्न या टैक्‍स विभाग के रिकॉर्ड में नहीं दिख सकता है और इसलिए संदेह उत्पन्न हो सकता है जिसे भूमि बिक्री समझौतों के साथ स्पष्ट किया जा सकता है. हालांकि, लेनदेन रिकॉर्ड प्रस्तुत करने पर, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वास्तव में कृषि भूमि की बिक्री हुई थी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 07, 2025, 11:36 ISThomebusinessएग्रीकल्‍चर इनकम बताकर टैक्‍स छूट लेने वालों की खैर नहीं, शुरू हो गई जांच

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