नई दिल्ली. टाटा का सम्मान भारत में बेवजह नहीं किया जाता है. टाटा उन कुछ चुनिंदा भारतीय कंपनियों में से एक है जो अपने कर्मचारियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखती है. गुजरात में कंपनी अपनी सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बना रही है. लेकिन सेमीकंडक्टर कंपनी तो बाद में बनेगी, टाटा ने पहले वहां अपने कर्मचारियों के लिए एक छोटा शहर बसाना शुरू कर दिया है. यहां 1500 अपार्टमेंट बनेंगे. यानी आप फैक्ट्री से निकले और पैदल चलकर ही घर पहुंच गए. इतना ही नहीं, यहां अपार्टमेंट के अलावा और भी कई चीजें होंगी. इसके बारे में आप आगे पढ़ेंगे.खबरों के अनुसार, भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में तेजी लाते हुए टाटा ग्रुप गुजरात के धोलेरा में देश की पहली चिप मैन्युफैक्चरिंग फैब बना रहा है. इस प्रोजेक्ट की बदौलत अब यहां एक नया रिहायशी और कारोबारी इकोसिस्टम खड़ा हो रहा है, जिसमें हजारों एक्सपैट्स और कुशल कर्मचारी बसाए जाएंगे. गुजरात सरकार इस क्षेत्र को एक हाईटेक ग्लोबल टाउनशिप के रूप में विकसित करने में जुटी है, ताकि दुनिया भर से आए पेशेवरों को उनके देश जैसा माहौल मिल सके.
अगले साल तक सारे अपार्टमेंट तैयार
राज्य सरकार के मुताबिक, धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (SIR) में 1,500 से अधिक सर्विस्ड अपार्टमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से 275 फ्लैट पहले ही बन चुके हैं, जिनमें से 250 पर टाटा ग्रुप, उनके सप्लायर्स और अन्य तकनीकी कंपनियों ने कब्जा ले लिया है. जबकि 225 यूनिट्स जल्द तैयार होने वाली हैं. इसके अलावा 1,000 नए अपार्टमेंट्स का निर्माण भी शुरू हो गया है, जो अगले साल फरवरी-मार्च तक उपलब्ध हो सकते हैं.
टाटा को मिली थी 10 एकड़ जमीन
गुजरात साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की प्रमुख सचिव मोना खांढार ने बताया कि ये आवासीय इकाइयां सरकार ने खुद नहीं बनवाई हैं, बल्कि धोलेरा में गठित विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के माध्यम से निजी डेवलपर्स को प्लॉट नीलाम किए गए हैं. वहीं टाटा ग्रुप को भी पहले चरण में 10 एकड़ जमीन आवंटित की गई है, जहां वह 530 अपार्टमेंट्स का निर्माण कर रहा है, जो 2027 के मध्य तक पूरे हो सकते हैं.
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अस्पताल, स्कूल, ग्लोबल टेंट सिटी
इस प्रोजेक्ट के इर्द-गिर्द एक मजबूत सामाजिक ढांचा भी खड़ा किया जा रहा है, जिसमें स्कूल, अस्पताल, फायर स्टेशन, होटल, ग्लोबल टेंट सिटी, और एक डीसालिनेशन प्लांट जैसी सुविधाएं शामिल हैं. ग्लोबल टेंट सिटी में ताइवान, जापान, कोरिया, अमेरिका और यूरोपीय देशों की फूड स्ट्रीट्स भी होंगी, जिससे एक्सपैट्स को अपने देश जैसा माहौल मिल सके. टाटा ग्रुप की इस चिप फैब परियोजना में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिससे 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर बनेंगे. मार्च 2024 में यूनियन आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि धोलेरा से पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2026 तक तैयार हो सकती है.
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