Last Updated:April 18, 2025, 16:36 ISTHindu Temple Gold : वक्फ बोर्ड के मुद्दे के बीच तमिलनाडु सरकार ने मंदिरों का 1000 किलो सोना गलाकर बैंकों में जमा कर दिया और अब हर साल करीब 18 करोड़ रुपये का ब्याज वसूलेगी. आखिर सरकार ने ऐसा क्यों किया और मंद…और पढ़ेंतमिलनाडु सरकार ने मंदिरों के सोने को गलाकर बैंकों में जमा कर दिया है. हाइलाइट्सतमिलनाडु सरकार ने 1000 किलो सोना गलाकर बैंकों में जमा किया.हर साल 18 करोड़ रुपये का ब्याज मिलेगा.मंदिरों के विकास कार्यों में ब्याज का उपयोग होगा.नई दिल्ली. ऐसे समय में जब वक्फ बोर्ड का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है, तमिलनाडु सरकार ने मंदिरों का 1,000 किलोग्राम सोना गलाकर उससे जरिये करोड़ों रुपये कमाई का रास्ता बना लिया है. इसकी जानकारी सरकार के ही मंत्री ने खुद विधानसभा में दिया है. उन्होंने बताया कि 21 मंदिरों से जुटाए करीब 1,000 किलोग्राम सोने को गलाकर उसे बैंकों में जमा किया गया और हर साल करीब 18 करोड़ रुपये कमाने का रास्ता बना लिया है.
तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर ने बताया कि उनकी सरकार ने प्रदेश के 21 मंदिरों से करीब 1,000 किलोग्राम सोना जुटाया और उसे गलाकर 24 कैरेट के गोल्ड बार यानी बिस्टिक तैयार किए. इन गोल्ड बार को बैंकों में जमा किया गया है. इनसे मिले ब्याज का इस्तेमाल मंदिरों के विकास कार्यों में किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गोल्ड बार को बैंकों में जमा करने पर सालाना करीब 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज मिलेगा.
सरकार क्यों लेती है मंदिर का सोनामंदिरों पर भले सोना भगवान के नाम पर चढ़ाया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल मंदिर के पुजारी नहीं कर सकते हैं. इस सोने को गोल्ड इनवेस्टमेंट स्कीम के तहत गलाकर 24 कैरेट गोल्ड में बदल दिया जाता है और उसे मुंबई स्थित सरकार के मिंट में जमा कर दिया जाता है. इन गोल्ड बार को सरकारी बैंक एसबीआई में रखा जाता है, जहां से हर साल मोटा ब्याज मिलता है. तमिलनाडु सरकार ने भी इस सोने को एसबीआई में जमा कर दिय है और वहां से सालाना करीब 18 करोड़ रुपये का ब्याज लेगी.
कहां खर्च होगा ये पैसापीके शेखर ने बताया कि बैंकों से सोने पर ब्याज के रूप में मिली रकम को मंदिरों के विकास कार्यों पर ही खर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म चैरिटेबल इंडोमेंट डिपार्टमेंट की ओर से मंदिरों के विकास कार्यों का खाका पेश किया गया है और यह रकम इसी काम के लिए खर्च होगी. इस योजना की निगरानी के लिए सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में इसके लिए एक कमेटी भी गठित की है.
किस मंदिर ने दिया सबसे ज्यादा सोनासरकार ने यह भी बताया है कि सभी 21 मंदिरों से जुटाए सोने में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी किस मंदर की थी. सभी श्राइन में से सबसे ज्यादा सोना तिरुचालिपल्ली के समयपुरम स्थित अरुलमिगु मारिमन मंदिर मिला. इस मंदिर ने 424.26 किलोग्राम सोना निवेश स्कीम के लिए दिया. इसका मतलब है कि निवेश में दिए गए कुल सोने में इसी मंदिर का करीब 45 फीसदी हिस्सा है.
चांदी को भी गला दियासरकार के हिंदू धर्म व्यवस्था विभाग से अनुमति लेकर मंदिरों में इस्तेमाल हो चुकी और बेकार पड़ी चांदी को भी सरकार ने एकत्र करके जुटा दिया है. इस चांदी को सरकार के अप्रूवल पर चल रही निजी कंपनियों ने गलाया है. यह पूरा काम 3 जजों की अगुवाई वाली कमेटी कर रही है. प्रदेश के मंत्री ने बताया कि चांदी को गलाकर उसे भी बार में बदल दिया गया है और बैंकों में जमाकर उस पर ब्याज लिया जाएगा.
कितनी कीमत का था गोल्डसरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के करीब 21 मंदिरों से 31 मार्च, 2025 तक निवेश के मकसद से सोना जुटाया गया. इस दौरान मंदिरों से करीब 10,74,123.488 किलोग्राम शुद्ध सोना प्राप्त हुआ. इसकी कुल कीमत करीब 10,419 करोड़ रुपये बताई जाती है. सरकार इस गोल्ड को बैंकों में जमाकर हर साल इस पर 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज वसूल करेगी और फिर इस रकम का मंदिरों के विकास कार्यों में इस्तेमाल होगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 18, 2025, 16:36 ISThomebusinessतमिलनाडु सरकार ने क्यों गला डाला मंदिरों का 1000 किलो सोना, कहां होगा खर्च?
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