Last Updated:May 05, 2025, 10:01 ISTHealth Insurance : देश में इलाज का खर्चा तेजी से बढ़ रहा है और पिछले 12 साल में सर्जरी का खर्चा करीब 3 गुना तक बढ़ चुका है. बीमा के अभाव में लोगों को कर्ज लेकर या संपत्ति बेचकर इलाज कराना पड़ता है. एक्सपर्ट का…और पढ़ेंदेश में इलाज का खर्चा 12 साल में 3 गुना तक बढ़ गया है. हाइलाइट्सइलाज का खर्च तेजी से बढ़ रहा है, सर्जरी का खर्च 3 गुना बढ़ा.हेल्थ इंश्योरेंस के बिना इलाज कराना मुश्किल हो रहा है.बीमा पॉलिसी होना बहुत जरूरी है, महंगे इलाज से बचने के लिए.नई दिल्ली. भारतीय हेल्थ सेक्टर तेजी से ग्रोथ कर रहा है. रोबोटिक सर्जरी, आधुनिक अस्पताल, उन्नत मशीनें और दवाओं के चलते स्वास्थ्य सेवाओं में काफी विस्तार हुआ. लेकिन, इसके साथ ही इलाज का खर्चा भी बढ़ता गया और महज 12 साल के भीतर सर्जरी का खर्च 250 से 300 फीसदी महंगा हो चुका है. जाहिर है कि इस महंगे इलाज का खर्चा उठाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां तैयार नहीं होतीं, क्योंकि इसके मुकाबले स्वास्थ्य बीमा की कीमत काफी कम है. तो, क्या हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ने वाला है.
हेल्थ इंश्योरेंस के अभाव में इन बीमारियों का इलाज और सर्जरी कराना काफी मुश्किल काम है. इसके लिए लोगों को प्रॉपर्टी बेचने की भी नौबत आ जाती है या फिर कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता है. 2013 से अब तक सबसे ज्यादा महंगा कैंसर का इलाज हुआ है, जिसकी कीमत 13 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है. इसी तरह, हार्ट ट्रांसप्लांट कराना अब तक 9 गुना महंगा हो चुका है. लिवर ट्रांसप्लांट 7 गुना तो किडनी ट्रांसप्लांट भी 5 गुना तक महंगा हो चुका है.
स्वास्थ्य बीमा है जरूरीआज भी देश में लगभग 75 फीसदी भारतीय अपनी जेब से चिकित्सा सेवाओं का भुगतान करते हैं. वे किसी भी सरकारी या निजी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर नहीं होते. हेल्थ इंश्योरेंस होने से कैशलेस सुविधा मिलती है और आपातकालीन स्थिति में फंड के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ती. आप यह नियंत्रित नहीं कर सकते कि बीमारी कब आएगी. लेकिन आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि आप कितने तैयार हैं. एक ऐसे देश में जहां एक दिल की सर्जरी एक साल की सैलरी से ज्यादा खर्चीली हो सकती है. पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा बहुत जरूरी है.
क्यों महंगा हो रहा इलाज
महंगाई : हेल्थ सेक्टर में महंगाई सामान्य से अधिक रही है, जिससे इलाज और सर्जरी की लागत बढ़ रही है. तकनीक और उपकरण : उन्नत चिकित्सा तकनीकों और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग जैसे कि घुटने के प्रत्यारोपण (रोबोट-सहायता प्राप्त, न्यूनतम इनवेसिव तकनीक) और लेजर कैटरैक्ट सर्जरी भी इसकी लागत को बढ़ा देते हैं.
डिमांड : जैसे-जैसे जनसंख्या वृद्ध होती है, घुटने के प्रत्यारोपण, कैटरैक्ट प्रक्रियाओं आदि की मांग बढ़ती है. इसका असर कीमतों पर भी दिख रहा है.
अस्पताल का बुनियादी ढांचा : उच्च श्रेणी के निजी अस्पताल जो शीर्ष स्तरीय सेवाएं, लग्जरी देखभाल और प्रीमियम सुविधाएं प्रदान करते हैं, आमतौर पर सरकारी अस्पतालों या छोटे क्लीनिक की तुलना में काफी अधिक शुल्क लेते हैं.
पुरानी बीमारियां : भारत में अब हर चार मौतों में से एक मौत हृदय रोगों से होती है और कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं. इनका इलाज और भी महंगा होता जा रहा है.
बीमा न हो तो क्या होगाजब परिवार सर्जरी का खर्च नहीं उठा सकते तो वे इलाज में देरी करते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. इसके अलावा बीमा के अभाव में लोग कर्ज लेते हैं या अपनी बचत खत्म कर देते हैं. बिना बीमा के स्वास्थ्य सेवा परिवारों को स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक बर्बादी के दुष्चक्र में धकेल देती है. लिहाजा ऐसे समय में जहां इलाज तेजी से महंगा हो रहा है, लोगों के पास एक बीमा पॉलिसी होना बहुत जरूरी है.
Location :New Delhi,Delhihomebusinessढाई गुना महंगा हुआ इलाज, क्या बढ़ने वाले हैं हेल्थ इंश्योरेंस के रेट?
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News