Last Updated:February 05, 2025, 10:55 ISTSupreme Court Decision : देश की शीर्ष अदालत ने किसानों की जमीन अधिग्रहण मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि जमीन अधिग्रहण पर मिलने वाला मुआवजा और ब्याज उसी दिन से लागू माना जाएगा, जब से जमीन का अधि…और पढ़ेंसुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण पर बड़ा फैसला सुनाया है. हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने जमीन अधिग्रहण पर बड़ा फैसला सुनाया.मुआवजा और ब्याज अधिग्रहण की तिथि से लागू होगा.एनएचएआई की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की.नई दिल्ली. देश की शीर्ष अदालत ने किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिनियम के तहत जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी, उन्हें मुआवजा एवं ब्याज पूर्व की तिथि से ही लागू होगा. इससे जुड़ा एक फैसला सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में दिया था और कहा कि मुआवजे की अनुमति देने वाला उसका 2019 का फैसला पूर्व व्यापी प्रभाव से लागू किया जाएगा.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की एक याचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया. एनएचएआई ने अपनी याचिका में 19 सितंबर, 2019 के उच्चतम न्यायालय के फैसले को भविष्य में लागू करने की मांग की थी. प्राधिकरण ने उन मामलों को दोबारा खोलने पर रोक लगाने की मांग भी की थी जहां भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी हो चुकी थी और मुआवजे का अंतिम निर्धारण हो चुका था.
क्या बोला सुप्रीम कोर्टपीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘हमें आवेदक की तरफ से रखी दलीलों में कोई दम नहीं दिखता है. हम 2019 के तरसेम सिंह मामले में ‘मुआवजा’ और ‘ब्याज’ की लाभकारी प्रकृति के बारे में स्थापित सिद्धांतों की पुष्टि करते हैं और विवेकपूर्ण विभेद के अभाव वाले अन्यायपूर्ण वर्गीकरण से बचने की जरूरत पर बल देते हैं. नतीजतन, हम वर्तमान आवेदन को खारिज करना उचित समझते हैं.’
भावी रूप से लागू नहीं होगा फैसलाकोर्ट ने कहा कि आवेदन में यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि तरसेम सिंह मामले में आए निर्णय को केवल भावी दृष्टि से लागू माना जाए, लेकिन हमारी राय में ऐसा स्पष्टीकरण देने से तरसेम सिंह निर्णय से दी जाने वाली राहत प्रभावी रूप से खत्म हो जाएगी. इस निर्णय को भावी रूप से लागू करने पर स्थिति वैसी ही हो जाएगी जैसी निर्णय के पहले थी.
…तो मुआवजे से वंचित रह जाएगा किसानपीठ ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 के निर्णय को भावी रूप में प्रस्तुत किया जाता है, तो एक भूस्वामी की जमीन जो 31 दिसंबर, 2014 को अधिग्रहीत हुई थी, वह मुआवजा और ब्याज के लाभ से वंचित हो जाएगा. एक दिन बाद एक जनवरी, 2015 को अगर किसी किसान की जमीन अधिग्रहीत हुई थी तो वह वैधानिक लाभ पाने का हकदार होगा. पीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि उसके 2019 के निर्णय का अंतिम परिणाम केवल उन पीड़ित भूमि स्वामियों को क्षतिपूर्ति और ब्याज देने तक सीमित था, जिनकी भूमि 1997 और 2015 के बीच एनएचएआई ने अधिग्रहीत की थी. इसने किसी भी तरह से उन मामलों को फिर से खोलने का निर्देश नहीं दिया था जो पहले ही अंतिम रूप ले चुके थे.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 05, 2025, 10:55 ISThomebusinessजमीन अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! बताया कैसे तय होगा मुआवजा
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