डेपुटेशन पर सर्विस करने वाला राज्‍य कर्मचारी सेंट्रल पेंशन का अधिकारी नहीं

Must Read

Last Updated:January 14, 2025, 18:59 ISTसुप्रीम कोर्ट ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि प्रतिनियुक्ति अस्थायी होती है और इससे कर्मचारी को केंद्र सरकार के स्थायी कर्मचारी के रूप में मान्यता नहीं मिलती.
नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के विभाग में प्रतिनियुक्ति पर सेवा करने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (CCS Pension Rules) के तहत पेंशन के पात्र नहीं है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह व्‍यवस्‍था दी है. हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के उस आदेश को सही ठहराया था, जिसमें प्रतिवादी कर्मचारी की पेंशन केंद्रीय वेतनमान के आधार पर तय करने का निर्देश दिया गया था.

यह मामला प्रतिनियुक्ति की व्याख्या और पेंशन पात्रता पर इसके प्रभाव से संबंधित था. प्रतिवादी फणी भूषण कुंडू 1968 से पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी थे. 1991 में उन्हें केंद्र सरकार के तहत पशुपालन आयुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया. इस नियुक्ति में यह स्पष्ट था कि यह सेवा 31 अगस्त 1992 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रतिनियुक्ति के आधार पर होगी. 1992 में रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें मूल विभाग में वापस नहीं भेजा गया, और उनकी पेंशन के कागजात राज्य सरकार ने तैयार किए.

कैट और हाईकोर्ट ने कर्मचारी के पक्ष में दिया था फैसलाफणी भूषण कुंडू ने राज्‍य सरकार की पेंशन के खिलाफ CAT में याचिका दायर की. कैट ने 2014 में निर्देश दिया कि उनकी पेंशन पशुपालन आयुक्त के पद के केंद्रीय वेतनमान के आधार पर तय की जानी चाहिए. ऐसी पेंशन पश्चिम बंगाल सेवा (मृत्यु-सह-रिटायरमेंट लाभ) नियम, 1971 (डब्ल्यूबी पेंशन नियम) के बजाय केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के तहत देय होगी. कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने भी इस आदेश को बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला कलकत्‍ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. मुख्य कानूनी मुद्दा यह था कि क्या प्रतिनियुक्ति पर उनकी सेवा उन्हें केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (CCS Pension Rule) के तहत पेंशन प्राप्त करने का हकदार बनाती है, या क्या उनकी पेंशन पूरी तरह से पश्चिम बंगाल सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1971 (WB Pension Rule) द्वारा शासित होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्‍ता हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुए कहा कि प्रतिनियुक्ति अस्थायी होती है और इससे कर्मचारी को केंद्र सरकार के स्थायी कर्मचारी के रूप में मान्यता नहीं मिलती. प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद कर्मचारी अपने मूल विभाग में लौटता है. प्रतिनियुक्त व्यक्ति उधार ली गई सेवा/विभाग में नियमित कर्मचारी नहीं बनता है. प्रतिनियुक्त व्यक्ति का मूल विभाग में पद पर अधिकार बना रहता है.प्रतिनियुक्ति से उधार ली गई विभाग/सेवा में अवशोषण (Absorption) नहीं होता है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 14, 2025, 18:59 ISThomebusinessडेपुटेशन पर सर्विस करने वाला राज्‍य कर्मचारी सेंट्रल पेंशन का अधिकारी नहीं

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -