30% बढ़ जाएगी गन्‍ने की पैदावार, आधा रह जाएगा पानी का इस्‍तेमाल, क्‍या करें किसान

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Last Updated:June 11, 2025, 12:02 ISTSugarcane Production : सिंचाई की कमी और जमीन के उपजाऊपन में गिरावट आने से गन्‍ना किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है अगर एआई का इस्‍तेमाल किया जाए तो उत्‍पादन में 30 फीसदी तक बढ़…और पढ़ेंभारत में गन्‍ने की पैदावार लगातार कम होती जा रही है. हाइलाइट्सगन्ने की पैदावार 30% बढ़ सकती है.एआई से पानी की खपत 50% कम होगी.किसानों को नई तकनीक अपनानी होगी.नई दिल्‍ली. देश में किसानों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया मानी जाने वाली गन्‍ने की फसल का उत्‍पादन एक झटके में 30 फीसदी बढ़ सकता है. यह दावा है कृषि क्षेत्र के एक विशेषज्ञ का, जिनका कहना है कि गन्‍ने की खेती के लिए पानी की खपत भी आधी ही रह जाएगी. इसके लिए किसानों को नई तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्‍तेमाल करना होगा. कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि एआई के इस्तेमाल से पानी की जरूरत 50 फीसदी तक कम हो जाएगी और प्रति एकड़ गन्‍ने का उत्पादन भी करीब 30 फीसदी बढ़ सकता है.

महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड के निदेशक जयप्रकाश दांडेगांवकर ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट ने गन्ने की खेती के लिए एआई के इस्तेमाल पर लंबे समय से काम किया है और गन्ने के उत्पादन में 30 फीसदी की वृद्धि और पानी के इस्तेमाल (इसकी खेती में) को 50 फीसदी तक कम करने का आश्वासन दिया है. इससे चीनी मिलों को लंबे समय (110 दिन से अधिक) तक चलाने में मदद मिलेगी और घाटा भी कम होगा.

नई तकनीक पर कितना खर्चा
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की 40 (23 सहकारी और 17 निजी) चीनी मिल, जिन पर वीएसआई का कोई ऋण बकाया नहीं है, उन्हें इस परियोजना (गन्ने की खेती में एआई के उपयोग) में शामिल किया जाएगा. दांडेगांवकर ने बताया कि शुरुआत में एक किसान को 25,000 रुपये खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है. यह प्रौद्योगिकी खेती के पूर्वानुमान, मृदा परीक्षण, सिंचाई के अलर्ट, कीटनाशकों के इस्तेमाल को सीमित करने और मिट्टी की गुणवत्ता की सुरक्षा पर काम करेगी. पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में गन्ने की पैदावार में कमी आई है.

अभी कितनी हो रही पैदावारदांडेगांवकर ने कहा कि कम बारिश के कारण महाराष्‍ट्र में प्रति एकड़ उत्पादन घटकर 73 टन रह गया है. एआई के इस्तेमाल से हम निकट भविष्य में इसे कम से कम 150 टन प्रति एकड़ उत्पादन तक पहुंच सकते हैं. किसानों को इसके लिए (सिंचाई के लिए) अपने खेतों में ‘ड्रिप’ लगाने की जरूरत है. हम उम्मीद कर सकते हैं कि अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह तक इस तरह का पहला स्टेशन (स्वचालित एआई सुविधा) स्थापित एवं चालू हो जाएगा. बाद में इसे देशभर में लागू किया जाएगा.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness30% बढ़ जाएगी गन्‍ने की पैदावार, आधा रह जाएगा पानी का खर्च क्‍या करें किसान

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