इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बनाने वाली कंपनियों को सरकार ने दिए 960 करोड़ रुपये

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इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बनाने वाली कंपनियों को सरकार ने दिए 960 करोड़ रुपये

Agency:आईएएनएसLast Updated:January 22, 2025, 20:26 ISTकेंद्र सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत 2024-25 की पहली छमाही में 1,600 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया, जिसमें 964 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को मिले. इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 27.4% वृद्धि …और पढ़ेंयह पैसे पीएलआई स्कीम के तहत जारी किए गए हैं.हाइलाइट्सपीएलआई स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को 964 करोड़ रुपये मिले.इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 27.4% बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हुआ.स्मार्टफोन निर्यात में 45% वृद्धि दर्ज की गई.नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड (पीएलआई) स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कंपनियों को 1,600 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया है. इसमें से 964 करोड़ रुपये भारत में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कर रही कंपनियों को जारी किए हैं. यह जानकारी बुधवार को एक वरिष्ठ आधिकारी द्वारा दी गई. इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के बाद फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर को 604 करोड़ रुपये का इंसेंटिव जारी किया गया है. इसके अलावा जिन सेक्टरों को इंसेंटिव दिया गया है. उनमें खाद्य उत्पाद, टेलीकॉम और ड्रोन शामिल है.

इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स भारत के निर्यात बास्केट में सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट के रूप में उभरा है. इसका कारण केंद्र की पीएलआई स्कीम की सफलता है, जिससे देश में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित हुई है. देश का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 2024-25 के अप्रैल-नवंबर में 27.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि के दौरान यह 17.66 अरब डॉलर था.

इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स अब भारत के निर्यात क्षेत्र में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले उत्पादों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जो पिछले साल के छठे स्थान से बढ़कर इंजीनियरिंग गुड्स और पेट्रोलियम के बाद तीसरे स्थान पर आ गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में स्मार्टफोन निर्यात में 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि एप्पल और सैमसंग जैसी प्रमुख कंपनियां देश में उत्पादन का विस्तार कर रही हैं.

पीएलआई योजना और सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स तुरंत मंजूरी एक बड़ी सफलता साबित हो रही है क्योंकि वैश्विक दिग्गज कंपनियां अल्टरनेटिव सप्लाई चेन स्थापित करने के लिए अलग-थलग पड़े चीन से आगे बढ़कर देख रहे हैं. भारत में एप्पल के प्रवेश ने इस वर्ष स्मार्टफोन निर्यात को बढ़ावा दिया है. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर मॉड्यूल, डेस्कटॉप और राउटर के निर्यात में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई है.

जानकारों के मुताबिक, देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स शुरू होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में और तेजी आने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ महीने पहले गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. यह भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत स्वीकृत की जाने वाली पांचवीं सेमीकंडक्टर यूनिट है और साणंद में स्थापित होने वाली दूसरी इकाई है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 22, 2025, 20:23 ISThomebusinessइलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बनाने वाली कंपनियों को सरकार ने दिए 960 करोड़ रुपये

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