‘जो कुछ भी है लेकर निकल लो’, इस मार्केट एक्सपर्ट ने पहले कर दिया था आगाह

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Last Updated:February 12, 2025, 19:52 ISTICICI प्रूडेंशियल के CIO एस नरेन ने स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स से बाहर निकलने की चेतावनी दी थी. Nifty Smallcap 250 इंडेक्स 21% गिरा. लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन लार्जकैप और डायवर्सिफाइड फंड्…और पढ़ें3 दिन पहले ही दे दी थी इस गिरावट की चेतावनी.हाइलाइट्सस्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में भारी गिरावट.ICICI प्रूडेंशियल के CIO ने दी थी चेतावनी.लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं.नई दिल्ली. शेयर बाजार में स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स की जबरदस्त तेजी के बाद अब इनकी तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. बीते कुछ दिनों में स्मॉलकैप इंडेक्स ने 20% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है, जिससे यह अब आधिकारिक रूप से बियर मार्केट (bear market) में प्रवेश कर चुका है. गौरतलब है कि निवेशकों को हाल ही में ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के CIO एस नरेन ने चेतावनी दी थी कि अब स्मॉल और मिडकैप फंड्स से पूरी तरह बाहर निकलने का समय आ गया है.

Nifty Smallcap 250 इंडेक्स सितंबर 2024 में 18,688.30 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था, लेकिन अब यह वहां से 21% तक गिर चुका है. बाज़ार के नियमों के मुताबिक, जब कोई इंडेक्स या स्टॉक अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर से 20% से अधिक गिर जाता है, तो उसे बियर मार्केट में माना जाता है. मिडकैप स्टॉक्स की हालत भी कुछ अलग नहीं है. Nifty Midcap 150 इंडेक्स 18.15% गिर चुका है, जबकि Nifty Microcap 250 इंडेक्स 21.5% और BSE SME इंडेक्स 24.4% तक गिर चुका है. इससे साफ़ है कि इस समय स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स में भारी बिकवाली हो रही है.

एस नरेन ने दी थी चेतावनीICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के CIO एस नरेन ने हाल ही में एक इवेंट के दौरान निवेशकों को स्मॉल और मिडकैप फंड्स में SIP जारी रखने से बचने की सलाह दी थी. उनका मानना है कि फिलहाल स्मॉल और मिडकैप में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि उनके वैल्यूएशन (valuation) काफी ऊंचे स्तर पर हैं. नरेन ने कहा था, “इस समय स्मॉल और मिडकैप में जो कुछ भी है उसे लेकर निकल जाना चाहिए.” उनका मानना है कि इक्विटी मार्केट में जोखिम का पैटर्न बदल चुका है और निवेशकों को अपनी एसेट एलोकेशन (asset allocation) पर ध्यान देना चाहिए.

लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं?हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में SIP लंबी अवधि के लिए की जाती है और जो लोग इसे सिर्फ़ पिछले कुछ सालों की तेजी देखकर चुन रहे हैं, उन्हें अब संभलना होगा. फाइनेंशियल एडवाइजर राजेश मीनोचा का कहना है कि “SIP लॉन्ग टर्म के लिए होती है, न कि शॉर्ट टर्म रिटर्न के लिए.” उन्होंने कहा कि स्मॉल और मिडकैप फंड्स में जिन्होंने 15-20 साल के नजरिए से निवेश किया है, उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. हालांकि, वे सलाह देते हैं कि लार्जकैप (largecap) और डायवर्सिफाइड फंड्स में निवेश बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.

स्मॉल और मिडकैप में ओवरवैल्यूएशन का डरबाजार के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स में निवेशकों का पैसा तेजी से आया है, जिससे उनका वैल्यूएशन महंगा हो गया है. 2025 की शुरुआत में इन शेयरों में काफी उछाल आया था, लेकिन अब इसमें करेक्शन (correction) हो रहा है. मीनोचा का कहना है कि भारत की फंडामेंटल स्थिति मजबूत है, लेकिन स्मॉल और मिडकैप में रिटर्न अब पहले की तरह तेज नहीं रहेगा. हालांकि, लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए इनमें अभी भी संभावनाएं बनी हुई हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 12, 2025, 19:52 ISThomebusiness’जो कुछ भी है लेकर निकल लो’, इस मार्केट एक्सपर्ट ने पहले कर दिया था आगाह

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