Last Updated:July 16, 2025, 10:29 ISTदेश की ऑटो इंडस्ट्री में CAFE-3 नियमों पर विवाद खड़ा हो गया है. मारुति सुजुकी ने अपना रुख बदल लिया है, जिससे SIAM असमंजस में है. नए नियम अप्रैल 2027 से लागू होंगे.हाइलाइट्समारुति सुजुकी ने CAFE-3 नियमों पर अपना रुख बदला.नए CAFE-3 नियम अप्रैल 2027 से लागू होंगे.SIAM को अब प्रपोजल पर पुनर्विचार करना होगा.देश की ऑटो इंडस्ट्री में नए एमिशन नियमों (CAFE-3- कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. आने वाले समय में लागू होने वाले इन नियमों पर पहले सभी बड़ी ऑटो कंपनियों की सहमति बनी थी, लेकिन अब देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपना रुख बदल लिया है. इससे अब इंडस्ट्री की लॉबी ग्रुप SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) असमंजस में है.
सरकार को CAFE-3 नियमों से जुड़ा भेजा गया था प्रपोजल
SIAM ने दिसंबर 2024 में सरकार को CAFE-3 नियमों को लेकर एक संयुक्त प्रपोजल सौंपा था. इसमें सभी कंपनियों की सहमति थी। यह नए नियम अप्रैल 2027 से लागू होने वाले हैं, जिनका मकसद नई पैसेंजर गाड़ियों से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के एमिशन को कम करना है. लेकिन अब इस प्रपोजल पर मतभेद सामने आने लगे हैं और इसकी वजह से पूरे नियमों के प्रोसेस में देरी या बदलाव की आशंका बढ़ गई है.
इतना होना चाहिए सभी गाड़ियों का ऐवरेज एमिशन लेवल
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, CAFE-3 नियमों के तहत सरकार ने प्रस्तावित किया है कि सभी गाड़ियों का ऐवरेज एमिशन लेवल 91.7 ग्राम CO2 प्रति किलोमीटर होना चाहिए, जो लगभग 1,170 किलो वजन वाली गाड़ी के लिए तय किया गया है. यानी कंपनियों को ऐसी गाड़ियां बनानी होंगी जो कम ईंधन खपत करें और पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हों. CAFE नियम कंपनियों को यह लक्ष्य देते हैं कि वे अपनी सभी बिकने वाली गाड़ियों के ऐवरेज एमिशन को एक फिक्स्ड लिमिट में रखें. इससे उन्हें ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट और पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियां बनानी पड़ती हैं. हालांकि, अब इसको लेकर कंपनियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं.
मारुति सुजुकी ने बदला एमिशन नियमों पर अपना रुख
SIAM के अध्यक्ष और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के एमडी शैलेश चंद्र ने कहा, “हाल के दिनों में देखा गया है कि कुछ कंपनियों ने CAFE-3 को लेकर अलग राय बना ली है.” भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अब कार्बन एमिशन नियमों पर अपना रुख बदल लिया है, जिससे पूरे ऑटो सेक्टर में असमंजस की स्थिति बन गई है.
CAFE नियमों के तहत गाड़ियों का ऐवरेज एमिशन लेवल तय किया जाता है. इसमें भारी गाड़ियों को कुछ राहत दी जाती है जबकि हल्की गाड़ियों के लिए नियम कड़े होते हैं. मारुति सुजुकी का कहना है कि यह सिस्टम लाइट और फ्यूल एफिशिएंट गाड़ियों को ‘सजा’ देती है, जबकि भारी गाड़ियों को छूट मिलती है. मारुति के चेयरमैन आर.सी. भार्गव और कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने सार्वजनिक तौर पर इस नियम की आलोचना करते हुए कहा है कि ये नियम भारी गाड़ियों को फायदा और हल्की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाते हैं.
मारुति की ज्यादातर गाड़ियां हल्की और छोटे साइज की हैं और कंपनी के पास अभी कोई इलेक्ट्रिक कार भी नहीं है, ऐसे में उन पर ज्यादा सख्त एमिशन स्टैंडर्ड्स लागू हो रहे हैं. दूसरी तरफ,इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बेचने वाली कंपनियों के लिए ये लक्ष्य हासिल करना आसान हो जाता है क्योंकि उनकी ऐवरेज एमिशन दर काफी कम हो जाती है। अब SIAM को फिर से अपने सदस्य कंपनियों से बातचीत करनी होगी ताकि यह तय हो सके कि दिसंबर 2024 में जो प्रपोजल भेजा गया था, उसमें कोई बदलाव किया जाए या नहीं.Location :New Delhi,New Delhi,DelhihomebusinessCAFE-3 से खफा मारुति सुजुकी, चेयरमैन ने कहा ‘हल्की गाड़ियों को पहुंचता है नुकस
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