विकास हो तो ऐसा! मछली पकड़ने वाला गांव बना सिलिकॉन सिटी, दुनिया में नाम

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Last Updated:April 12, 2025, 11:02 ISTShenzhen City Success Story: उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भारत में शेन्जेन जैसे शहर को डेवलप करने की इच्छा जताई है. ऐसे में अब दिल्ली-मुंबई से दूर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए गांवों पर फोकस करने की जरूरत है.चीन में स्थित शेन्जेन शहरहाइलाइट्सभारत में शेन्जेन जैसे शहरों की जरूरत: आनंद महिंद्राशेन्जेन, मछली पकड़ने वाले गांव से ग्लोबल टेक हब बनाशेन्जेन, चीन की सिलिकॉन सिटी और मैन्युफैक्चरिंग हब है.नई दिल्ली. भारत, दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब लक्ष्य तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का है. इसके लिए सरकार से लेकर बिजनेसमैन तक सब कोशिश में लगे हुए हैं. हर उद्योगपति ने इस सपने को पूरा करने के लिए अलग-अलग तर्क दिए. किसी ने सप्ताह में 70 घंटे काम काम करने की जरूरत बताई तो किसी ने 90 घंटे काम करने पर जोर दिया. हालांकि, इन सबसे अलग महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत में शेन्जेन जैसे शहरों की जरूरत है.

उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “It’s time for a Shenzhen equivalent city in India….” यानि अब समय आ गया है कि भारत में भी शेन्ज़ेन के जैसा एक शहर बनाया जाए. शायद देश के करोड़ों लोग इस सिटी के बारे में नहीं जानते हैं. दरअसल, दुनिया में आज सिलिकॉन सिटी के तौर पर मशहूर यह शहर कभी मछली पकड़ने के कारोबार के लिए जाना जाता था. लेकिन, सरकार की नीतियों ने इसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के ग्लोबल हब के तौर पर तब्दील कर दिया. आइये आपको बताते हैं गांव से सिलिकॉन सिटी बने इस शहर की कहानी

दुनिया के नक्शे पर कहां है शेन्जेन

शेन्जेन (Shenzhen) चीन का एक बेहद दिलचस्प शहर है, जो कुछ ही दशकों में मछली पकड़ने वाले गाँव से टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के ग्लोबल हब में बदल गया. इस शहर को चीन का सिलिकॉन वैली कहा जाता है. इस शहर में हार्डवेयर डेवलपमेंट के लिए दुनिया का सबसे तेज और बेहतरीन इकोसिस्टम है.

इतना ही नहीं शेन्जेन को दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर भी जाना जाता है. यहां मोबाइल, लैपटॉप और ड्रोन से लेकर कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स तैयार किए जाते हैं.

गांव से कैसे बना ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब

45 साल पहले शेन्जेन की पहचान एक मछली पकड़ने वाले गांव के तौर पर होती थी. लेकिन, 1980 में यहां चीन का पहला ‘स्पेशल इकोनॉमिक जोन’ बनाया गया. इसके बाद यहां तेजी से इंड्रस्ट्री और कारखाने स्थापित किए गए. धीरे-धीरे करके 45 साल के इस सफर में शेन्जेन ने दुनिया में अपनी पहचान बना ली. शेन्जेन, हांगकांग के बहुत पास है, जिससे इसका इंटरनेशनल ट्रे़ड और इन्वेस्टमेंट मजबूत है.

वन प्लस और हुवैई समेत चीन की दिग्गज टेक्नोलॉजी के हेडक्वार्टर शेन्जेन में हैं. कभी गांव रहा शेन्जेन आज की तारीख में चीन के सबसे अमीर शहरों में से एक है. शेन्जेन की कहानी जानने के बाद हर भारतवासी उद्योगपति आनंद महिंद्रा की बात से सहमत होगा कि हमें भी दिल्ली-मुंबई और बड़े शहरों को छोड़कर छोटे गांवों को औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करना चाहिए.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 12, 2025, 10:51 ISThomebusinessविकास हो तो ऐसा! मछली पकड़ने वाला गांव बना सिलिकॉन सिटी, दुनिया में नाम

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