Agency:News18HindiLast Updated:February 25, 2025, 15:56 ISTशार्क टैंक इंडिया में ज़ेब्रालर्न ने ₹1 करोड़ के बदले 0.8% इक्विटी मांगी, लेकिन चार शार्क ने इनकार कर दिया. रितेश अग्रवाल ने 1.6% इक्विटी की पेशकश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. अमन गुप्ता ने मजाक में कहा कि वे …और पढ़ेंजेब्रालर्न किताबें बेचती है.हाइलाइट्सज़ेब्रालर्न ने ₹1 करोड़ के बदले 0.8% इक्विटी मांगी.रितेश अग्रवाल ने 1.6% इक्विटी की पेशकश की.अमन गुप्ता ने डील से इनकार कर दिया.नई दिल्ली. शार्क टैंक इंडिया के हालिया एपिसोड में एक भाई-बहन की जोड़ी ने अपनी एजुकेशनल बुक्स कंपनी ‘ज़ेब्रालर्न’ के लिए निवेश की मांग की. उन्होंने ₹1 करोड़ के बदले 0.8% इक्विटी की पेशकश की, जिससे उनकी कंपनी की वैल्यू ₹125 करोड़ हो गई. उनका दावा था कि वे फाइनेंस, शिक्षा और NCERT से जुड़ी किताबें बेचते हैं और इस साल ₹20 करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं.
शार्क कुणाल बहल ने पहले तो उनके बिज़नेस की तारीफ की लेकिन जब उन्होंने बिक्री और फाइनेंशियल डेटा देखा, तो उन्हें कुछ गंभीर खामियां नजर आईं. उन्होंने बताया कि कंपनी की ज्यादातर सेल्स केवल चार फाइनेंस बुक्स पर निर्भर है और रीपीट ऑर्डर रेट सिर्फ 10% है. कुणाल के अनुसार, इस तरह के कस्टमर जल्दी अमीर बनने के लिए किताबें खरीदते हैं, लेकिन या तो वे उन्हें पढ़ते नहीं हैं या फिर किताबों में दी गई सलाह उनके लिए कारगर साबित नहीं होती. इस वजह से उन्होंने डील से इनकार कर दिया.
अमन गुप्ता ने भी इस डील से पीछे हटते हुए मजाक में कहा, “मैं किताबें पढ़ता ही नहीं, तो मैं तुम्हें सिर्फ ये कहने में वक्त बिताऊंगा कि इसे बंद कर दो!” वहीं, नमिता थापर किताबों की कीमत सुनकर चौंक गईं. जब कुणाल ने उनसे उनकी किताब की कीमत पूछी, तो उन्होंने बताया कि उनकी किताब ₹300 में बिकती है, जबकि ज़ेब्रालर्न की किताबें ₹1500 से ₹3000 तक के रेंज में हैं. उन्होंने कहा, “आपकी सेल्स सीमित किताबों पर टिकी है, कीमतें बहुत ज्यादा हैं और आपका बिज़नेस अस्थिर नजर आता है. इसलिए मैं निवेश नहीं कर सकती.”
अनुपम मित्तल ने भी डील से इनकार करते हुए कहा कि वे कंपनी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए 5% इक्विटी से कम पर निवेश नहीं कर सकते, जो कि संस्थापकों की अपेक्षित वैल्यूएशन से बहुत कम था.
हालांकि, रितेश अग्रवाल को इस बिज़नेस में संभावना नजर आई. उन्होंने संस्थापकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “फाइनेंस एजुकेशन बहुत जरूरी है और इसे स्कूलों में सिखाया जाना चाहिए.” उन्होंने ₹1 करोड़ के बदले 1.6% इक्विटी की पेशकश की, जिससे कंपनी की वैल्यू आधी हो गई. हालांकि, संस्थापकों ने इस ऑफर को स्वीकार कर लिया और डील फाइनल हो गई.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 25, 2025, 15:56 ISThomebusinessशार्क टैंक में पहुंची ₹125 करोड़ की कंपनी, अमन गुप्ता बोले- मैं बंद करा दूंगा
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