Last Updated:February 05, 2025, 08:07 ISTरतन टाटा के निधन के बाद उनके करीबी शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर, हेड स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स बनाया गया है. शांतनु ने लिंक्डइन पर इस खबर को साझा किया.रतन टाटा के अंतिम दिनों में भी शांतनु उनके साथ थे.नई दिल्ली. प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन के चार महीने बाद उनके करीबी सहयोगी और दोस्त शांतनु नायडू को टाटा ग्रुप ने अहम जिम्मेदारी दी है. शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर, हेड स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के पद पर नियुक्त किया गया है. नायडू ने इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर साझा की. शांतनु रतन टाटा के बहुत करीबी थे. वे रतन टाटा के पर्सनल असिस्टेंट थे. शांतनु रतन टाटा की मदद हर काम में करते रहे. रतन टाटा के अंतिम दिनों में भी शांतनु उनके साथ थे.
शांतनु नायडू ने लिंक्डइन पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मैं टाटा मोटर्स में एक नई भूमिका निभाने जा रहा हूं. मुझे वो दिन याद हैं जब मेरे पिता सफेद शर्ट और नेवी पैंट पहनकर टाटा मोटर्स प्लांट से घर लौटते थे और मैं खिड़की पर उनका इंतजार करता था. आज उसी कंपनी में मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना मेरे लिए गर्व की बात है.”
पशु प्रेम के टाटा हुए कायलशांतनु नायडू का जन्म 1993 में पुणे के एक तेलुगु परिवार में हुआ. शांतनु के पशु प्रेम ने रतन टाटा का ध्यान खींचा और उन्होंने शांतनु को मुंबई बुलाया. यहीं से दोनों के बीच गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई. नायडू ने 2014 में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.उन्होंने 2016 में कॉर्नेल जॉनसन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की.अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, नायडू ने पुणे में टाटा एलेक्सी में एक ऑटोमोबाइल डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया. 2022 में रतन टाटा ने उन्हें अपना पर्सनल असिस्टेंट बनाया.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद शांतनु लोगों की नज़रों में आए, जिसमें उन्हें रतन टाटा का जन्मदिन मनाते हुए दिखाया गया था. शांतनु को पशुओं से भी गहरा लगाव है. उन्होंने सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों की सुरक्षा के लिए ‘मोटोपॉज’ नामक एक संस्था की स्थापना की, जो सड़क पर रहने वाले जानवरों के लिए डेनिम कॉलर बनाकर उन्हें पहनाने का कार्य करती है. इन कॉलर में विशेष रिफ्लेक्टर लगाए जाते थे, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई. रतन टाटा को यह अभियान बेहद पसंद आया था.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 05, 2025, 08:07 ISThomebusinessरतन टाटा के ‘जिगरी यार’ को टाटा ग्रुप ने दी बड़ी जिम्मेदारी
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