अवैध एल्गो सिस्टम के ताबूत में SEBI ने ठोकी आखिरी कील, बंद कर दिया बड़ा लूपहोल! रिटेल ट्रेडरों को आजादी

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Last Updated:February 06, 2025, 11:32 ISTSEBI ने एल्गो ट्रेडिंग के नियमों में बदलाव करके गैर-कानूनी एल्गो प्रोवाइडर्स पर शिकंजा कस दिया है. अब सभी API-बेस्ड ऑर्डर्स को एक्सचेंज से टैग किया जाएगा, जिससे गैर-कानूनी ट्रेडिंग रोकी जा सकेगी. रिटेल ट्रेडरों…और पढ़ेंहाइलाइट्सSEBI ने अवैध एल्गो ट्रेडिंग पर लगाम लगाई.नए नियमों से रिटेल ट्रेडरों को राहत मिली.सभी API-बेस्ड ऑर्डर्स को टैग किया जाएगा.बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) से जुड़े नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है, जिससे गैर-कानूनी एल्गो प्रोवाइडर्स की धांधली पर रोक लगाई जा सकेगी. यह बदलाव छोटे स्तर का दिख सकता है, लेकिन इसका प्रभाव काफी बड़ा है. इससे न केवल अवैध एल्गो ट्रेडिंग पर लगाम लगेगी बल्कि खुदरा निवेशकों को भी राहत मिलेगी.

दरअसल, 13 दिसंबर 2024 को जारी एक परामर्श-पत्र (Consultation Paper) में एक बड़ा लूपहोल सामने आया था. नियम के मुताबिक, केवल उन ऑर्डर्स को एल्गो ट्रेडिंग माना जाना था, जो एक निर्धारित स्पीड (orders per second threshold) से ऊपर होते. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, इस नियम का फायदा उठाकर कई अवैध एल्गो प्रोवाइडर्स खुद को कानून की नजर से बचा सकते थे.

दरअसल, कई गैर-कानूनी एल्गो प्रोवाइडर्स बहुत सीमित संख्या में ट्रेड करते हैं. कभी-कभी दिनभर में सिर्फ 2-3 ऑर्डर लगाते हैं. ऐसे में वे “एल्गो ट्रेडिंग” की परिभाषा में नहीं आते, और बिना किसी नियामक जांच के काम कर सकते थे. यही नहीं, वे निवेशकों को ऐसी ट्रेडिंग रणनीतियां बेच सकते थे, जो खुद निवेशकों को ठीक से समझ भी नहीं आतीं, जिससे यह अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइस बन जाती.

लूपहोल पूरी तरह बंद4 फरवरी 2025 को जारी अंतिम नियमों में सेबी ने इस लूपहोल को पूरी तरह बंद कर दिया. अब सभी ऑर्डर्स, जो किसी भी ब्रोकर्स द्वारा एल्गो प्रोवाइडर्स को दी गई API के जरिए आते हैं, उन्हें एक यूनिक आइडेंटिफायर के साथ टैग किया जाएगा.

पहले के परामर्श पत्र के अनुसार, केवल वे ऑर्डर टैग किए जाने थे, जो एक सेकंड में निर्धारित सीमा से अधिक होते. लेकिन अब कोई भी ऑर्डर जो एल्गो के माध्यम से आता है, उसे एल्गो ट्रेडिंग के तहत वर्गीकृत किया जाएगा. इसका मतलब है कि अब सभी अनधिकृत एल्गो प्रोवाइडर्स नियामक के दायरे में आएंगे, और उनके लिए मनमाने तरीके से ट्रेड करना असंभव हो जाएगा.

रिटेल ट्रेडर्स को मिली राहतकंसल्टेशन पेपर के शुरुआती मसौदे में खुदरा निवेशकों के लिए एल्गो ट्रेडिंग को आसान बनाने का प्रयास किया गया था, ताकि छोटे निवेशक अपने खुद के ऑटोमेटेड ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग कर सकें. लेकिन इसका फायदा अवैध ऑपरेटर भी उठा सकते थे.

फाइनल नियमों में SEBI ने खुदरा निवेशकों को कुछ सहूलियत देते हुए यह तय किया गया है कि यदि उनका ट्रेडिंग सिस्टम एक सेकंड में निर्धारित संख्या से अधिक ऑर्डर जनरेट करता है, तभी उसे एक्सचेंज के साथ पंजीकृत करना होगा. यानी छोटे स्तर पर ट्रेडिंग करने वाले खुदरा निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपनी ट्रेडिंग जारी रखने की सुविधा मिलेगी, जबकि बड़े और अवैध ऑपरेटरों को नियामक के नियमों का पालन करना ही होगा.

SEBI का यह नया बदलाव बाजार में पारदर्शिता लाने और खुदरा निवेशकों को सुरक्षा देने के लिए किया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इससे गैर-कानूनी एल्गो प्रोवाइडर्स को रोका जा सकेगा, और खुदरा निवेशकों को बिना किसी अनावश्यक जटिलता के ट्रेडिंग करने की आजादी भी मिलेगी.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 06, 2025, 11:32 ISThomebusinessअवैध एल्गो सिस्टम के ताबूत में SEBI ने ठोकी आखिरी कील, बंद कर दिया बड़ा लूपहोल

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