Last Updated:February 16, 2025, 09:16 ISTSBI Home Loan Rate- एसबीआई ने लोन की ब्याज दरों में कटौती भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 7 फरवरी 2025 को नीति रेपो दर में 25 बीपीएस की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत करने के फैसले के बाद की है.भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद एसबीआई ने ब्याज दरें घटाई हैं. हाइलाइट्सएसबीआई की नई ब्याज दरें कल से हो चुकी हैं प्रभावी. बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर 0.25% घटाई. रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट भी हुआ 0.25 फीसदी कम. नई दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन की ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की है. बैंक ने बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 बीपीएस की कमी कर दी है. इस कटौती के बाद ईबीएलआर 8.90 फीसदी हो गया है जबकि आरएलएलआर 8.75% से घटकर 8.50% हो गया है. एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ये नई दरें 15 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगी. हालांकि बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR), बेस रेट और बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) में कोई बदलाव नहीं किया है. अगर इन दोनों की दरें घटती तो ज्यादा फायदा होता क्योंकि अधिकतर लोन इन दोनों से ही जुड़े हुए हैं.
एसबीआई का यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 7 फरवरी 2025 को नीति रेपो दर में 25 बीपीएस की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत करने के फैसले के बाद आया है. आरबीआई के इस निर्णय को ब्याज दरों में नरमी का संकेत माना जा रहा है, जिसका असर अब बैंकों की उधारी दरों पर भी दिख रहा है. ईबीएलआर और आरएलएलआर में कटौती का सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनके लोन इन दरों से जुड़े हुए हैं. ब्याज दर में गिरावट से लोन की मासिक किस्त (EMI) कम हो सकती है या लोन की अवधि कम हो सकती है.
SBI ने 1 अक्टूबर 2019 से अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) से जोड़ा था. अब इस दर में 0.25% की कटौती की गई है, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य खुदरा लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी. RLLR में 0.25% की कमी से उन ग्राहकों का फायदा होगा जिनके लोन सीधे RBI के रेपो रेट से जुड़े हुए हैं.
होम लोन पोर्टफोलियो में 14.26% की वृद्धिएसबीआई का होम लोन पोर्टफोलियो दिसंबर 2024 तक सालाना आधार (Y-o-Y) पर 14.26 प्रतिशत बढ़कर 7.92 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है. वर्तमान में होम लोन का बैंक के कुल घरेलू ऋण पोर्टफोलियो में 22.94 प्रतिशत का योगदान है. वहीं, अन्य रिटेल लोन भी 8.33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5.30 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गए हैं, जो कुल घरेलू ऋण का 15.33 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं. ब्याज दरों में कटौती से एसबीआई की शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) पर दबाव पड़ सकता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में बैंक का एनआईएम घटकर 3.01 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 3.22 प्रतिशत था.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 16, 2025, 09:16 ISThomebusinessएसबीआई ने होम लोन पर कम किया ब्याज, आपको फायदा होगा या नहीं, जानिए
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