पहली बार भारत आ रही सऊदी अरब की सबसे बड़ी कंपनी, 43000 करोड़ करेगी निवेश

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Last Updated:May 01, 2025, 12:55 ISTSaudi Arab Investment : पीएम मोदी के सऊदी अरब दौरे पर भारत में 2 रिफाइनरी लगाने का करार किया गया. इसके लिए अरामको पहली बार भारत में निवेश करने आ रही है. दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको ने भारत में करीब 43 …और पढ़ेंसऊदी अरामको ने भारत में 2 रिफाइनरी लगाने के लिए निवेश की बात कही है. हाइलाइट्ससऊदी अरामको भारत में 43,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी.अरामको गुजरात और आंध्र प्रदेश में रिफाइनरी लगाएगी.ओएनजीसी और बीपीसीएल भी इस परियोजना में शामिल होंगी.नई दिल्‍ली. सऊदी अरब की सबसे बड़ी कंपनी और दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने पहली बार भारत में कदम रखने का फैसला किया है. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सऊदी अरब दौरे के समय ही इस बारे में सहमति बनी थी कि अरामको भारत में 2 रिफानइरीज लगाने में मदद करेगा. इन दोनों रिफाइनरी में अरामको की भी करीब 20 फीसदी हिस्‍सेदारी होगी और यह देश की सरकारी कंपनी ओएनजीसी व बीपीसीएल को रिफाइनरी लगाने में मदद करेगी.

सऊदी अरामको वैसे तो भारत को लंबे समय से तेल की सप्‍लाई करता रहा है. लेकिन, यह पहली बार है जब अरामको ने भारत में निवेश की पहल की है. अरामको भारत में जो रिफाइनरी लगा रही है, उसमें से प्रत्‍येक की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ टन उत्‍पादन की होगी. इसमें से हर रिफाइनरी को लगाने के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. इस तरह, दोनों रिफाइनरी लगाने के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी.

कितना पैसा लगाएगी अरामकोसऊदी अरामको ने शुरुआत में इन रिफाइनरी में करीब 24 हजार करोड़ रुपये निवेश करने पर सहमति जताई है. बाद में यह निवेश बढ़कर 5 अरब डॉलर (करीब 43 हजार करोड़ रुपये) पहुंच सकता है. इसमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के निवेश शामिल होंगे. इसमें डेट और इक्विटी का अनुमान 7:3 होगा. दोनों रिफाइनरी देश के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर लगाई जाएंगी. इस काम में देश की दो सरकारी कंपनी भी साथ होंगी, ओएनजीसी और बीपीसीएल.

किन प्रदेशों में लगेंगी रिफाइनरीजसूत्रों के अनुसार, ओएनजीसी ने कंफर्म किया है कि वह अरामको के साथ मिलकर गुजरात में अपनी रिफाइनरी लगाने जा रही है. दूसरी रिफाइनरी बीपीसीएल के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश में लगाई जाएगी. मामले से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारियों का कहना है कि अरामको के साथ आने के बाद भारत एशिया में इस बिजनेस का सबसे बड़ा खिलाड़ी बन सकता है. अरामको का यह कदम सऊदी अरब के भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता को दिखाता है. सऊदी ने भारत में इस निवेश का वादा किया था. भारत की कुल तेल खरीद में सऊदी अरब की हिस्‍सेदारी 20 फीसदी से घटकर 14 फीसदी हो गई है, क्‍योंकि पिछले कुछ दिनों में भारत ने रूस से तेल खरीदारी बढ़ा दी है.

10 साल पहले लगी थी रिफाइनरीदेश में 10 साल पहले इंडियन ऑयल ने रिफाइनरी लगाई थी, जो साल 2016 में ओडिशा के पारादीप में लगाई गई थी. इससे पहले अरामको ने रिलायंस की रिफाइनरी में 15 अरब डॉलर के निवेश की बात कही थी, जो किसी कारण से पूरा नहीं हो सका. अरामको ने साल 2024 में 106.25 अरब डॉलर के मुनाफे की बात कही है, जो पिछले साल से 12 फीसदी कम है. कंपनी का मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर है और यह दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी है. इसके साथ भारत की जिन 2 कंपनियों ने रिफाइनरी लगाने में हिस्‍सा लिया है, उसमें ओएनजीसी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ से ज्‍यादा है, जबकि बीपीसीएल का मार्केट कैप 1.35 लाख करोड़ रुपये है.
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