इस्लामाबाद. पाकिस्तान के आर्थिक हालात पिछले 5 साल से काफी चरमराए हुए हैं. नकदी संकट और महंगाई के कारण डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए इस मुल्क ने कई देशों समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लोन लिया है. लेकिन, अब यह उधारी चुकाना भारी पड़ रही है. पाकिस्तान के ऐसे हालात पर रहम दिखाते हुए सऊदी अरब ने पाकिस्तान के लिए तीन अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाने की अवधि एक और साल के लिए बढ़ा दी है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने यह जानकारी देते हुए कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहा देश ऋण का भुगतान नहीं कर सका है. कर्ज चुकाने की अवधि बृहस्पतिवार को खत्म हो रही थी.
अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि सऊदी अरब ने शाही निर्देश के अनुसार 2021 में एक साल के लिए तीन अरब डॉलर दिए थे और बाद में इसे 2022 और फिर 2023 में आगे बढ़ाया.
मोहलत मिली तो याद आया भाईचारा
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि कहा कि कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ाने से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का पता चलता है. पाकिस्तान को अगले साल जून तक सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात को कम से कम 13 अरब डॉलर का भुगतान करने से बचने की जरूरत है। ऐसे में सऊदी अरब के ऋण पुनर्गठन करने से पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है.
हाल ही में पाकिस्तान ने फिर चीन से 10 अरब युआन (1.4 अरब डॉलर) का कर्ज देने का अनुरोध किया था. कैश क्रंच से जूझ रहा यह देश पहले ही मौजूदा 30 अरब युआन (4.3 अरब डॉलर) की चीनी व्यापार सुविधा का इस्तेमाल कर चुका है. अब उसने फिर से चीन से मदद की गुहार लगाई.
पाकिस्तान में सरकारी कंपनियों के भारी नुकसान और भ्रष्टाचार ने मुल्क में खराब वित्तीय स्थिति पैदा कर दी है. 2024 में पाकिस्तान का कुल ऋण 71.24 खरब रुपये हो जाएगा. बीते साल पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय ऋण 62.88 खरब रुपये था, जबकि पाकिस्तान का घरेलू कर्ज 8.35 खरब रुपये बढ़कर 47.160 खरब रुपये हो चुका है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Tags: Business news, Economic crisis, India pakistanFIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 15:20 IST
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