Last Updated:January 20, 2025, 11:59 ISTSaif Ali Khan Attack- सैफ अली खान पर हमले के बाद मजदूरों की पहचान और सुरक्षा पर व्यापक बहस का केंद्र बन गया है. महाराष्ट्र सरकार ने तो रियल एस्टेट डेवलपर्स और निर्माण एजेंसियों को मजदूरों के बैकग्राउंड की पूरी जांच करने के आदेश जारी…और पढ़ेंसैफ पर हमले का आरोपी शरीफुल को एक मजदूर शिविर से गिरफ्तार किया गया था. नई दिल्ली. अभिनेता सैफ अली खान पर उनके घर पर हुए हमले के आरोपी की गिरफ्तारी ने निर्माण उद्योग में मजदूरों की पहचान और पृष्ठभूमि जांच को लेकर बहस छेड़ दी है. जिस शरीफुल इस्लाम शहजाद पर सैफ पर हमला करने का आरोप है, वह बांग्लादेशी नागरिक है और छह महीने पहले भारत आया था. शरीफुल को पुलिस ने ठाणे में एक निर्माण स्थल के पास स्थित मजदूर शिविर से गिरफ्तार किया था. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने रियल एस्टेट डेवलपर्स और निर्माण एजेंसियों को मजदूरों की पहचान और पृष्ठभूमि जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन, रियल एस्टेट से जुड़े जानकारों का कहना है कि मजदूरों की पुख्ता पहचान सुनिश्चित करना ‘लगभग असंभव’ कार्य है.
निर्माण क्षेत्र (Construction Sector) में अधिकांश मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी राज्यों से आते हैं. इन मजदूरों को ठेकेदारों के माध्यम से अस्थायी शिविरों में रखा जाता है. बड़े डेवलपर्स अक्सर अपनी परियोजनाओं के लिए ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) फर्मों को नियुक्त करते हैं. हालांकि, डेवलपर्स का कहना है कि मजदूरों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है. लेकिन, धरातल पर ऐसा हो नहीं पाता.
नियमित जांच का दावा पुरवांकरा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष पुरवांकरा ने बताया, “ठेकेदारों को आधार कार्ड सत्यापन और पृष्ठभूमि जांच के बाद ही मजदूरों की भर्ती करनी चाहिए. हमारी साइटों पर 10,500 मजदूर हैं, जिनकी जांच नियमित रूप से की जाती है.” हिरानंदानी समूह के संस्थापक निरंजन हिरानंदानी ने कहा, “हम मजदूरों का आधार सत्यापन, स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा प्रशिक्षण सुनिश्चित करते हैं. हमारी साइटों पर 2,000 से अधिक मजदूर हैं, और हम लड़ाई-झगड़ों के लिए शून्य-सहनशीलता नीति अपनाते हैं.”
कठिन है बैकग्राउंड जांचनानिर्माण उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि लाखों मजदूरों की पहचान, राष्ट्रीयता और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करना बहुत कठिन है. एक बड़े डेवलपर ने कहा, “हम ईपीसी ठेकेदारों को पहचान सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में नकली आधार या पैन कार्ड पाए गए हैं. सभी मजदूरों की जांच करना संभव नहीं है.” भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा कमजोर होने और नकली पहचान पत्र आसानी से उपलब्ध होने के कारण विदेशी मजदूरों का भारतीय मजदूरों के रूप में काम करना आम है.
एक अन्य डेवलपर ने कहा, “अकुशल मजदूरों के लिए विस्तृत पृष्ठभूमि जांच असंभव है क्योंकि वे ठेकेदारों के माध्यम से आते हैं. कुशल मजदूरों के लिए प्रमाणपत्र और नियोक्ता रिकॉर्ड की जांच की जाती है, लेकिन अकुशल मजदूरों के मामले में यह मुश्किल है.”
सरकार और उद्योग की जिम्मेदारीविशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और डेवलपर्स को मिलकर मजदूरों की पहचान और पृष्ठभूमि जांच के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए. नकली दस्तावेजों की समस्या को हल करने और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समाधानों का उपयोग आवश्यक है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 20, 2025, 11:59 ISThomebusinessसैफ पर हमले के बाद मजदूरों की पहचान बनी मुद्दा, कंपनियां बोली-ये असंभव
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