Last Updated:July 01, 2025, 15:08 ISTIndia-America Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता अंतिम दौर तक पहुंच चुकी है. इस बीच विदेश मंत्री ने कहा कि हमें इस समझौते की जल्द उम्मीद है, लेकिन हर शासनकाल में कुछ मतभेद होते ही रहते हैं.भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अंतिम चरण में है. हाइलाइट्सभारत-अमेरिका व्यापार वार्ता अंतिम दौर में पहुंची.जयशंकर ने व्यापार समझौते पर नजर रखने की बात कही.अमेरिका भी व्यापार समझौते पर सहमति के लिए तैयार.नई दिल्ली. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अगले कुछ दिनों तक अमेरिका पर नजर रखनी होगी. आखिर उनका इशारा किस तरफ है और वे कहना क्या चाह रहे. विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और अमेरिका के अधिकारी व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं. विदेश मंत्री ने भी दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता के सफल निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें अगले कुछ दिन तक इस पर नजर रखनी होगी.जयशंकर ने कहा कि हम एक बहुत ही जटिल व्यापार वार्ता के बीच में हैं या शायद उससे भी थोड़ा आगे बढ़ चुके हैं. स्पष्ट रूप से मुझे उम्मीद है कि हम इसे सफल निष्कर्ष तक ले जाएंगे. मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि चर्चा में एक अन्य पक्ष भी शामिल है. जिस तरह अमेरिका या अमेरिका में रहने वाले लोगों के भारत के बारे में विचार हो सकते हैं, उसी तरह भारत में रहने वाले लोगों के भी अमेरिका के बारे में विचार हैं. हमें एक तरह का मिलन बिंदु खोजना होगा. मेरा मानना है कि यह संभव है.
भारत ने की सबसे ज्यादा बातचीतजयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में हमारे बीच कई गहन चर्चाएं हुई हैं. फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता कि किस देश ने कितने दौर की वार्ताएं की हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हम उन देशों में से होंगे, जिन्होंने सबसे अधिक वार्ताएं की हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि बिल क्लिंटन के राष्ट्रपति काल से लेकर ट्रंप प्रशासन तक भारत-अमेरिका संबंध मुख्य तौर पर सकारात्मक रहे हैं. पिछले 25 वर्ष में संबंध मजबूत रहे हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे संरचनात्मक कारक इस संबंध के लिए काम करते हैं.
रिश्तों में हो सकता है मतभेद
जयशंकर ने कहा कि रिश्तों में मतभेद होते ही हैं. वास्तव में हर राष्ट्रपति के कार्यकाल में. कुछ ऐसा होता है जो उस समय टकराव का कारण हो. विदेश मंत्री ने मिसाल के तौर पर कहा कि पाकिस्तान को एफ16 विमान बेचने की अमेरिका की योजना भी एक विवाद का मुद्दा रही थी. रिश्ते में कोई न कोई समस्या होती ही है. लिहाजा मेरा मानना है कि मतभेद भी हो सकते हैं. मुझे लगता है कि इससे निपटने की क्षमता और उस प्रवृत्ति को सकारात्मक दिशा में जारी रखने की क्षमता ही मायने रखती है.
अमेरिका भी सहमति को तैयारअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द होने की बात से सहमति जताते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ओवल कार्यालय में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ थे और इन समझौतों को अंतिम रूप दे रहे हैं. भारत के संदर्भ में आप राष्ट्रपति और उनके दल, व्यापार से जुड़े उनके दल से इस संबंध में जल्द ही कुछ अच्छा सुनेंगे.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessअमेरिका पर नजर रखनी होगी! आखिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ऐसा क्यों कहा
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