Last Updated:March 21, 2025, 17:36 ISTभारतीय रुपया इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर 86 रुपये से ऊपर पहुंच गया है, जो पिछले दो साल में किसी भी सप्ताह का उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है. इसकी क्या वजह हैं और ऐसा होने से भारत की इकॉनमी पर क्या असर होग…और पढ़ेंImage – Canvaहाइलाइट्सरुपया डॉलर के मुकाबले 86 रुपये से ऊपर पहुंचा.तेल की कीमतों में स्थिरता और RBI के हस्तक्षेप से रुपया मजबूत हुआ.रुपये की मजबूती से आयात पर निर्भर इंडस्ट्री को फायदा होगा.भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर 86 रुपये से ऊपर पहुंच गया है. यह उसका पिछले दो साल में किसी भी एक सप्ताह का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. तेल की कीमतों में स्थिरता, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विदेशी मुद्रा बाजार में किए गए हस्तक्षेप जैसे कारकों ने रुपये को मजबूती दी है. इस सप्ताह रुपये ने 1.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की, जो जनवरी 2023 के बाद से सबसे अधिक है.
विशेषज्ञों का कहना है कि RBI द्वारा डॉलर की तरलता (लिक्विडिटटी) बढ़ाने और नियमित हस्तक्षेप के कारण रुपया लगातार मजबूत हो रहा है. इसके अलावा, विदेशी निवेश, तेल की कीमतों में स्थिरता, घरेलू महंगाई में कमी, और व्यापार घाटे (ट्रेड डेफिसिट) में सुधार ने भी रुपये को सबल दिया है. फरवरी में भारत का व्यापार घाटा घटकर 14.05 अरब डॉलर (लगभग 1.17 लाख करोड़ रुपये) रह गया, जो जनवरी में 23 अरब डॉलर (लगभग 1.91 लाख करोड़ रुपये) था. यह सुधार निर्यात और आयात में गिरावट के कारण हुआ है.
रुपये की मजबूती के मुख्य कारण
RBI का हस्तक्षेप: RBI ने डॉलर/रुपया स्वैप ऑक्शन के जरिए डॉलर की लिक्विडिटी बढ़ाई. स्वैप नीलामी का मतलब है कि RBI ने बैंकों से डॉलर खरीदे और उन्हें भविष्य में वापस बेचने का वादा किया.
तेल की कीमतों में स्थिरता: तेल की कीमतें स्थिर रहने से भारत का आयात बिल कम हुआ, जिससे रुपये को सपोर्ट मिला.
विदेशी निवेश: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में पैसा लगाया, जिससे डॉलर की आपूर्ति बढ़ी.
व्यापार घाटे में सुधार: फरवरी में व्यापार घाटा कम होकर 14.05 अरब डॉलर रह गया, जो अगस्त 2021 के बाद से सबसे कम है.
विशेषज्ञों का मानना है कि RBI की सही और समय पर नीतियों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है. इससे रुपये की मजबूती जारी रह सकती है. हालांकि, वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव और तेल की कीमतों में बदलाव जैसे कारक रुपये को प्रभावित कर सकते हैं.
रुपये की मजबूती से किन सेक्टरों को लाभरुपये की मजबूती से कई सेक्टरों को फायदा होगा, खासकर आयात पर निर्भर रहने वाली इंडस्ट्री को. जब रुपया मजबूत होता है, तो आयात होने वाला सामान जैसे कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और मशीनरी सस्ते हो जाते हैं. इससे पेट्रोलियम, ऑटोमोबाइल, और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को लागत में कमी आती है.
साथ ही, विदेशी यात्रा करने वालों को भी फायदा होगा, क्योंकि डॉलर के मुकाबले उनकी खरीदारी क्षमता बढ़ जाती है. हालांकि, निर्यातकों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि मजबूत रुपये से उनके उत्पाद विदेशों में महंगे हो जाते हैं. खासकर आईटी कंपनियों को डॉलर के कमजोर होने और रुपये के मजबूत होने से दिक्कत होती है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 21, 2025, 17:36 ISThomebusinessडॉलर के मुकाबले गरजा रुपया, 2 साल में पहली बार हुआ ऐसा, आपको क्या लाभ?
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