Last Updated:June 16, 2025, 20:44 ISTमई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर 5.1% से बढ़कर 5.6% हो गई. 15-29 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 13.8% से 15% तक पहुंची. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी बेरोजगारी बढ़ी है.हाइलाइट्सभारत में मई 2025 में बेरोजगारी दर 5.6% हुई.15-29 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 15% तक पहुंची.महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.8% रही.नई दिल्ली. देश में मई 2025 के दौरान बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, मई में कुल बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गई, जबकि अप्रैल में यह 5.1 प्रतिशत थी. मंत्रालय का कहना है कि यह वृद्धि मौसमी कारणों और कई हिस्सों में पड़ी भीषण गर्मी की वजह से हुई है. यह डेटा ‘करंट वीकली स्टेटस’ (CWS) आधारित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) पर आधारित है, जो सर्वेक्षण से पहले के सात दिनों की रोजगार गतिविधियों का आकलन करता है. रिपोर्ट के अनुसार, मई में पुरुषों की बेरोजगारी दर 5.6% और महिलाओं की 5.8% रही.15-29 वर्ष की आयु वर्ग में बेरोजगारी सबसे ज्यादा बढ़ी है. अप्रैल में इस वर्ग की बेरोजगारी दर 13.8% थी, जो मई में बढ़कर 15% हो गई. खासकर शहरी क्षेत्रों में यह दर 17.2% से बढ़कर 17.9%, और ग्रामीण इलाकों में 12.3% से बढ़कर 13.7% तक पहुंच गई. महिलाओं में स्थिति और चिंताजनक है. 15-29 आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर अप्रैल में 14.4% थी, जो मई में 16.3% तक पहुंच गई. इसी आयु वर्ग के पुरुषों में यह दर 13.6% से बढ़कर 14.5% हो गई.
श्रम भागीदारी में भी गिरावट
मई में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) घटकर 54.8% रह गई, जो अप्रैल में 55.6% थी. ग्रामीण इलाकों में यह दर 58% से गिरकर 56.9% और शहरी क्षेत्रों में 50.7% से घटकर 50.4% रह गई. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं, जो अस्थायी मजदूर या अवैतनिक सहायकों के रूप में काम करती थीं, उनकी भागीदारी में गिरावट आई है.
काम करने वाले लोगों का अनुपात भी घटा
देशभर में वर्कर-पॉपुलेशन रेशियो (WPR) मई में घटकर 51.7% हो गया, जबकि अप्रैल में यह 52.8% था. ग्रामीण क्षेत्रों में यह 54.1% और शहरी क्षेत्रों में 46.9% दर्ज किया गया.
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मौसमी कारणों का असर ज्यादा
मंत्रालय ने बताया कि रबी फसलों की कटाई पूरी होने के बाद ग्रामीण इलाकों में कृषि गतिविधियां थम गईं, जिससे काम के अवसर कम हुए. इसके अलावा, मई में देश के कई हिस्सों में पड़ी तेज गर्मी की वजह से बाहरी श्रम से जुड़ी गतिविधियों पर भी असर पड़ा. सरकार का कहना है कि मासिक PLFS आंकड़े मुख्यतः मौसमी, शैक्षणिक और स्थानीय श्रम बाजार की गतिशीलता को दर्शाते हैं. ये बदलाव लंबे समय के रुझानों को नहीं, बल्कि तत्काल स्थितियों को उजागर करते हैं, जिससे नीति-निर्माताओं को तत्काल कदम उठाने में मदद मिल सकती है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessमहिलाएं पिछड़ी, पुरुषों की भी हालत बिगड़ी, 15-29 साल वाले सबसे ज्यादा त्रस्त
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