नई दिल्ली. फूड डिलीवरी ऐप्स ने हमारा जीवन आसान कर दिया है, इसमें कोई संदेह नहीं है. आप एक क्लिक पर अपना मनपसंद खाना घर के दरवाजे तक मंगा सकते हैं. खाना ही नहीं अब तक इन ऐप्स ने राशन डिलीवर करना भी शुरू कर दिया है. इससे शहरी आबादी के लिए चीजें और भी सरल हो गई हैं. स्विगी ऐसी ही एक डिलीवरी ऐप का उदाहरण है. पहले यह सिर्फ फूड डिलीवरी ऐप थी लेकिन स्विगी इंस्टामार्ट के आने के बाद अब यह एक राशन डिलीवरी ऐप भी है.
लेकिन इस बिजनेस एक्सपेंशन का फायदा क्या हो रहा है. स्विगी को होने वाले नुकसान में कोई कमी नहीं आ रही है. एक सवाल ऐसे में यह भी उठता है कि क्या स्विगी जानबूझकर किसी कारणवश खुद को घाटे में दिखा रहा है? वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में स्विगी का घाटा सालाना आधार पर लगभग दोगुना बढ़ा और 1081 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में यह घाटा 554 करोड़ रुपये था. हैरानी की बात ये है कि कंपनी के रेवेन्यू मेंइस दौरान बढ़त ही रही है. स्विगी का रेवेन्यू चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 45 फीसदी की वृद्धि के साथ 4,410 करोड़ रुपये रहा.
क्यों मुनाफा हुआ कम
खबरों के अनुसार, रेवेन्यू बढ़ने के बावजूद मुनाफे में कमी के पीछे मुख्य वजह कंपनी द्वारा खर्च बढ़ाना है. स्विगी ने अपने क्विक कॉमर्स बिजनेस इंस्टामार्ट पर खर्च बढ़ाया है ताकि वह ब्लिकिंट और जेप्टो के साथ मुकाबले में पीछे न रह जाए. कंपनी ने ग्राहकों को लुभाने, डार्क स्टोर के एक्सपेंशन और मार्केटिंग पर कंपनी ने खूब खर्त किया है.
कैसी रही है ग्रोथ
स्विगी के फूड डिलीवरी बिजनेस ने बीते साल के मुकाबले इस बार अच्छी ग्रोथ दर्ज की है. कंपनी का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) 17.6% बढ़कर ₹7,347 करोड़ तक पहुंच गया. इस ग्रोथ के पीछे कंपनी की नई पेशकशें रही हैं – जैसे प्रीमियम सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम One BLCK और तेज डिलीवरी के लिए शुरू की गई Bolt सर्विस, जो अब स्विगी के कुल फूड डिलीवरी ऑर्डर्स का 12% हिस्सा बन चुकी है.
वहीं, स्विगी का क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Instamart अब भी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. इस सेगमेंट का GOV 101% की वार्षिक दर से बढ़कर ₹4,670 करोड़ पहुंच गया है. इस दौरान कंपनी ने 316 नए डार्क स्टोर्स शुरू किए, जो पिछले 8 क्वार्टर्स में जोड़े गए स्टोर्स से भी ज्यादा हैं. हालांकि, तेज़ विस्तार की वजह से Instamart की कॉन्ट्रीब्यूशन मार्जिन में गिरावट आई है, जो -4.6% से घटकर -5.6% हो गई. ज्यादा स्टोर खोलने और नए कस्टमर्स जोड़ने की कोशिशों के चलते ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ी है, जिससे इस सेगमेंट का EBITDA घाटा ₹840 करोड़ तक पहुंच गया है.
कंपनी के शेयरों की स्थिति
आज स्विगी का शेयर 2.33 फीसदी की तेजी के साथ 320 रुपये के स्तर पर बंद हुआ. ट्रेंडलाइन पर मौजूद डेटा का अनुसार, कंपनी के शेयर बढ़कर 455 रुपये तक जा सकते हैं. जो यहां से 40 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ दिखाता है. यह प्राइस कई एनालिस्ट्स द्वारा दी गई अलग-अलग कीमतों का एवरेज है. 21 एनालिस्ट्स ने इसे खरीदने की सलाह दी है?
(Disclaimer: यहां बताए गया स्टॉक्स सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
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