Last Updated:May 13, 2025, 15:37 ISTAlpha Design Story : पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले स्काईस्ट्राइकर ड्रोन के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन क्या इसे बनाने वाली कंपनी के बारे में पता है. इस कंपनी को रिटा…और पढ़ेंस्काईस्ट्राकर ड्रोन ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई थी. हाइलाइट्सऑपरेशन सिंदूर में स्काईस्ट्राइकर ड्रोन का उपयोग हुआ.अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी की स्थापना रिटायर्ड कर्नल एचएस शंकर ने की.अडानी समूह ने 2018 में अल्फा डिजाइन में 26% हिस्सेदारी खरीदी.नई दिल्ली. यह बात तो सभी जान गए कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर में हमारे हथियारों ने पाकिस्तान को कराची तक घुसकर लहूलुहान कर दिया है. इस ऑपरेशन में बनाए गए हथियारों का नाम भी ज्यादातर लोगों को पता चल गया है, लेकिन इसमें से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला हथियार एक सुसाइड ड्रोन था. इसी ड्रोन ने पाकिस्तान के तमाम शहरों में एयरबेस को निशाना बनाया और उसके आर्मी इन्फ्रा को जमकर नुकसान भी पहुंचाया. लेकिन, क्या आपको पता है कि इन हथियारों को बनाने वाली कंपनी की स्थापना एक रिटायर्ड कर्नल ने की थी.
भारत ने इस ऑपरेशन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल स्काईस्ट्राइकर ड्रोन का किया था. इसे सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है, क्योंकि ये ड्रोन हमला करने के बाद खुद ही नष्ट हो जाते हैं. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण ये रडार की पकड़ से भी दूर रहते हैं और अपने साथ 5 से 10 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकते हैं. इन ड्रोन में इलेक्ट्रिक इम्पल्स लगे होते हैं, जिससे इनकी आवाज भी काफी कम रहती है. कुल मिलाकर यह दबे पांव जाकर हमला करने वाला एक घातक हथियार है. इस ड्रोन को भारतीय कंपनी अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी लिमिटेड और इजराइल की कंपनी एल्बिट सिक्योरिटी सिस्टम ने मिलकर बनाया है.
किसने बनाई थी यह कंपनीइस कंपनी को साल 2003 में रिटायर्ड कर्नल एचएस शंकर ने बैंगलोर में शुरू किया था. शुरुआत में यह कंपनी छोटे-मोटे हथियार बनाती थी. साल 2018 में अडानी समूह ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था. वर्तमान में इस कंपनी में 57 फीसदी हिस्सेदारी वसाका प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स की है, जो मुरुगप्पा समूह का एक स्पेशल पर्पज व्हीकल है. अडनी समूह की कंपनी अडानी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी के पास कंपनी के 26 फीसदी हिस्सेदारी है. शेष हिस्सा विदेशी निवेशकों का है.
क्या करती है यह कंपनीयह कंपनी इजराइल के साथ मिलकर ड्रोन बनाने के साथ ही सेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, ऑप्टिकल और टेलीकम्यूनिकेशन के उपकरणों की डिजाइन, टेस्ट और उत्पादन का काम करती है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एचएस शंकर ने हथियारों के बारे में कुछ भी जानकारी देने से इनकार किया था. उनका कहना था कि यह काम सरकारी अथॉरिटीज का है.
कंपनी के पास 5 हजार करोड़ के ऑफरअल्फा डिजाइन कंपनी के हथियारों और उपकरणों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. वर्तमान में कंपनी के पास करीब 5,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय भी 100 स्काईस्ट्राइकर ड्रोन के ऑर्डर दिए थे. साल 2018 में अडानी समूह ने इस कंपनी में 12 करोड़ रुपये के निवेश से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. कंपनी शुरुआत भी 55 लाख डॉलर के निवेश से हुई थी.
कंपनी में कितने कर्मचारीअल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी में जनवरी, 2025 तक करीब 662 कर्मचारी काम करते थे, जो पिछले साल जनवरी के मुकाबले 2.4 फीसदी कम हैं. दिसंबर 2018 तक इस कंपनी के फाउंडर्स की नेटवर्थ महज 30 लाख रुपये थी. कंपनी में फाउंडर्स की हिस्सेदारी 0.03 फीसदी, जबकि फंड की 10.33 फीसदी है. पैरेंट इंटीटीज की सबसे ज्यादा 77 फीसदी तो इंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी 5 फीसदी ही थी. कंपनी के पास अब इजराइल की एडवांस्ड तकनीक भी है और भारतीय तकनीक के साथ मिलकर यह कई अहम हथियार बना रही है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessरिटायर्ड कर्नल की कंपनी ने पाकिस्तान को किया लहूलुहान! कराची तक घुसकर मारा
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