Last Updated:April 09, 2025, 12:07 ISTGold Loan New Rule : रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी गोल्ड लोन के मौजूदा नियमों और मॉडल पर चिंता जताई और कहा कि इससे डिफॉल्ट का जोखिम काफी बढ़ जाता है. लिहाजा जल्द ही इसके नियमों में व्यापक बदला…और पढ़ेंरिजर्व बैंक ने गोल्ड लोन के मौजूदा मॉडल पर चिंता जताई है. हाइलाइट्सआरबीआई गोल्ड लोन के नियमों में बदलाव करेगा.गोल्ड लोन पर EMI व्यवस्था शुरू होगी.नए नियमों से डिफॉल्ट का जोखिम कम होगा.नई दिल्ली. रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी गोल्ड लोन (Gold Loan) पर बैंकों व एनबीएफसी की मानमानी को लेकर चिंता जताई है. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद उन्होंने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही गोल्ड लोन को लेकर व्यापर नियम जारी करेगा. यह बैंकों और एनबीएफसी की जोखिम उठाने की क्षमता पर आधारित होगा, ताकि कर्ज के इस व्यापक क्षेत्र को भी अन्य लोन की तरह नियंत्रित किया जा सके.
रिजर्व बैंक ने पिछले साल 30 सितंबर को भी गोल्ड लोन की मौजूदा कार्यप्रणाली पर चिंता जताई थी. तब आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में लोन के सोर्स, गोल्ड के वैल्यूएशन की प्रक्रिया, पैसे के उपयोग की निगरानी, नीलामी की पारदर्शिता और लोन टू वैल्यू (LTV) के अनुपात में खामियों को उजागर किया था. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने लोन के आगे बढ़ाने की मौजूदा व्यवस्था और इसके पार्ट पेमेंट जैसी चीजों पर भी चिंता जताई है.
गोल्ड लोन पर अभी क्या व्यवस्थाबैंक और एनबीएफसी की ओर से दिए जाने वाले गोल्ड लोन पर अभी बुलेट रीपेमेंट मॉडल अपनाया जाता है. इसका मतलब है कि लोन लेने वाले ग्राहक हर महीने इसके ब्याज का ही भुगतान करते हैं, जबकि लोन का अमाउंट पूरा चुकाने पर ही उन्हें उनके जेवरात वापस किए जाते हैं. हालांकि, ग्राहक चाहें तो बीच-बीच में आंशिक भुगतान भी कर सकते हैं. इस मॉडल की वजह से गोल्ड लोन पर जोखिम काफी बढ़ जाता है और इसके डिफॉल्ट का खतरा पैदा हो जाता है.
ईएमआई जैसी शुरू होगी व्यवस्थारिजर्व बैंक का मानना है कि गोल्ड लोन का मौजूदा मॉडल बैंकों के साथ-साथ आम आदमी के लिए भी जोखिम भरा है. डिफॉल्ट की वजह से आम ग्राहक अपना आभूषण भी बैंक से नहीं छुड़ा पाता और बैंक को भी अपने लोन के डिफॉल्ट होने का जोखिम रहता है. इस स्थिति से बचने के लिए होम और ऑटो लोन जैसी ईएमआई व्यवस्था शुरू करना बेहतर होगा. इससे आम आदमी के लिए गोल्ड लोन चुकाना आसान हो जाएगा और डिफॉल्ट जैसी स्थिति से भी बचाव होगा.
कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी जोखिमगोल्ड लोन के मौजूदा मॉडल पर कीमतों के उतार-चढ़ाव का भी जोखिम रहता है. अगर सोने की कीमतों में तेज गिरावट आ जाए तो बैंको के कर्ज की राशि फंस सकती है, क्योंकि एलटीवी काफी कम हो जाएगा. इसी तरह, सोने की कीमतों में उछाल आने पर ग्राहक को अपने गहनों का कम मूल्य मिलता है, क्योंकि उसे मिली लोन की राशि गोल्ड की पुरानी कीमतों पर आधारित रहती है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 09, 2025, 12:07 ISThomebusinessखुशखबरी! EMI में चुका सकेंगे गोल्ड लोन, बैंकों की मनमारी पर आरबीआई सख्त
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