Last Updated:July 21, 2025, 16:52 ISTइस वक्त देश में आईटी फ्रेशर को एक कड़वी हकीकत का सामना करना पड़ रहा है. आईटी फ्रेशर का वेतन प्लंबरों की तनख्वाह से भी कम है. काफी फ्रेशर तो बेरोजगार ही रह जाते हैं.
आईटी फील्ड के फ्रेशर्स को प्लंबर से भी कम वेतन मिलता है.(Image:AI)नई दिल्ली. एक दौर था जब इंजीनियर बनना मध्यम वर्ग का सबसे बड़ा सपना हुआ करता था. वजह साफ थी-सम्मान, स्थिरता और अच्छी तनख्वाह. लेकिन अब यही सपना हजारों युवाओं के लिए तनाव और करियर में ठहराव का दूसरा नाम बन गया है. पिछले 10 सालों में आईटी फ्रेशर्स की सैलरी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई. आज भी एक फ्रेशर को सालाना 3.5 से 4 लाख रुपये मिलते हैं. वहीं, अर्बन कंपनी जैसे प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले ब्यूटीशियन और प्लंबर टॉप 20 फीसदी में शामिल हैं, तो वो आईटी फ्रेशर से ज्यादा यानी ₹41,000 तक कमा रहे हैं. एक फ्रेशर महीने में करीब 198 घंटे काम करता है जबकि अर्बन कंपनी का प्रोफेशनल सिर्फ 87 घंटे. फिर भी कमाई ज़्यादा.
जैसे-जैसे IT में नौकरी आसान हुई, कीमत घट गईइंडस्ट्री के विशेषज्ञ बताते हैं कि पहले IT कंपनियां फ्रेशर्स को ट्रेनिंग देकर उन्हें प्रोफेशनल बनाती थीं, पर अब वही काम ‘कमोडिटी’ बन गया है. कंपनियों को अब उसी काम के लिए पहले से कम पैसे मिलते हैं- USD 20 प्रति घंटे या उससे भी कम. ऐसे में जब टॉप लेवल से लेकर मिड लेवल तक सबकी सैलरी पर असर पड़ रहा है, तो फ्रेशर्स को कैसे फायदा होगा?
GenAI का डर: 30%-50% नौकरियां खत्म होने की आशंका
AI और GenAI की वजह से अब Application Maintenance जैसे सेक्टर्स में 30-50% नौकरियां खत्म होने की आशंका जताई जा रही है. जिन इंजीनियरों के पास AI को मैनेज करने की स्किल नहीं है, वो आसानी से रिप्लेस किए जा सकते हैं.
बढ़ती प्रतिस्पर्धा, घटती उम्मीदहर साल लगभग 15 लाख इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स मार्केट में आते हैं, पर उनमें से बहुत कम ही स्किल्ड होते हैं. ऐसे में जो स्टूडेंट लोन लेकर कॉलेज गए हैं, उनके लिए ये बेरोजगारी डिप्रेशन और लोन चुकाने की जद्दोजहद बनकर रह गई है.
Rakesh SinghRakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ेंRakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in … और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessप्लंबर कमाए ज्यादा, आईटी फ्रेशर रहे बेरोजगार, मिडिस क्लॉस के ड्रीम का कबाड़ा
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