आरबीआई देगा आम लोगों के हाथ में और पैसा? 6 तारीख को होगा बड़ा ऐलान!

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Last Updated:June 02, 2025, 23:21 ISTआरबीआई 6 जून को एमपीसी बैठक के फैसलों का ऐलान करेगा, जिसमें रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव है. एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इससे कर्ज वितरण में मदद मिलेगी.आरबीआई पहले ही 2 बार में रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट घटा चुका है.हाइलाइट्सआरबीआई 6 जून को एमपीसी बैठक के फैसलों का ऐलान करेगा.रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव.कटौती से कर्ज वितरण और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना होगा.नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 6 जून को एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करेगा. ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई इस बार रेपो रेट में बड़ी कटौती कर सकता है. इस बार ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को खत्म होने वाली मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) की कटौती कर सकता है. इसका मकसद कर्ज वितरण को दोबारा तेज करना और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करना होगा.

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee – MPC) 4 जून से बैठक शुरू करेगी और 6 जून को नतीजे का ऐलान होगा. फरवरी और अप्रैल 2025 में आरबीआई पहले ही 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है, जिससे रेपो रेट अब 6% पर है. साथ ही अप्रैल में नीति का रुख भी ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया गया था.

एसबीआई की रिपोर्ट ‘Prelude to MPC Meeting – June 4-6, 2025’ में कहा गया है कि इस बार की कटौती 50 बेसिस प्वाइंट की हो सकती है, जिसे ‘जम्बो कट’ कहा गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस तरह की बड़ी कटौती से क्रेडिट साइकिल को दोबारा सक्रिय किया जा सकता है और कुल मिलाकर सालभर में रेपो रेट में 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती संभव है.

फरवरी और अप्रैल में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरें घटा दी हैं. अभी करीब 60.2% लोन बाहरी बेंचमार्क रेट (EBLR) से जुड़े हैं और 35.9% लोन MCLR से जुड़े हैं. MCLR में बदलाव धीरे-धीरे होता है क्योंकि यह बैंकों की लागत पर आधारित होता है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस बार, ब्याज दरों में कटौती के साथ ही बैंक तेजी से जमा दरें भी घटा रहे हैं. सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर 2.7% तक घटा दी गई है और फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी फरवरी से अब तक 30 से 70 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है. एसबीआई के मुताबिक, मौजूदा समय में बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ भी घटकर 9.8% रह गया है, जबकि पिछले साल मई में यह 19.5% था. इसलिए एक बड़ी कटौती से मांग और कर्ज देने की रफ्तार को फिर से तेज किया जा सकता है.

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आमतौर पर माना जाता है कि जब रेपो रेट में कटौती की जाती है तो बैंक भी लोन की ब्याज दरें घटा देते हैं और आम लोगों को सस्ता कर्ज मिलने लगता है. इससे उनके हाथ में अधिक कैश आता है और वे खुल कर खर्च करते हैं. खर्च का सीधे संबंध उत्पाद व सेवाओं की बढ़ी हुई मांग के रूप में दिखता है. यही मांग अंतत: इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में मदद करती है.

(पीटीआई के इनपुट के साथ)
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessआरबीआई देगा आम लोगों के हाथ में और पैसा? 6 तारीख को होगा बड़ा ऐलान!

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