Last Updated:April 07, 2025, 07:25 ISTआरबीआई की एमपीसी बैठक आज से शुरू होगी, जिसमें रेपो रेट पर फैसला लिया जाएगा. गोल्डमैन सॉक्स और यूबीएस ने 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की संभावना जताई है.एमपीसी की बैठक 9 अप्रैल तक चलेगी. हाइलाइट्सआरबीआई एमपीसी बैठक आज से शुरू हुई.रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की संभावना.गोल्डमैन सॉक्स और यूबीएस ने कटौती की उम्मीद जताई.नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज शुरू होगी. बैठक के बाद कमेटी के अध्यक्ष और आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार को रेपो रेट पर फैसले का ऐलान करेंगे. यह बैठक चालू वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) की पहली समीक्षा बैठक होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी समिति रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती कर सकती है. गौरतलब है कि फरवरी में MPC ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी. ब्रोकरेज गोल्डन मैन सॉक्स और यूबीएस ने उम्मीद जताई है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा.
गोल्डमैन सॉक्स (Goldman Sachs) के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत की इकॉनमी को 30 बेसिस प्वाइंट (bp) का झटका लग सकता है. इस आधार पर गोल्डमैन सॉक्स ने कहा है कि वह 2025 में 50 बेसिस प्वाइंट की अतिरिक्त मौद्रिक नरमी (monetary easing) की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी और तीसरी तिमाही में 25-25 bp की कटौती की जा सकती है. इस तरह पूरे चक्र में कुल 100 bp की रेपो रेट कटौती की जा सकती है. UBS की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में हुई 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद मौजूदा चक्र में रेपो रेट में और 50 बेसिस प्वाइंट तक कटौती की गुंजाइश है.
4 फीसदी से नीचे जा सकती है महंगाईगोल्डमैन सॉक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 के आखिरी क्वार्टर तक महंगाई दर 4% से नीचे रह सकती है. गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ प्रोडक्ट्स पर 26% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. यह टैक्स मार्केट की उम्मीदों से काफी ज्यादा है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कई अन्य देशों पर इससे भी ज्यादा आयात शुल्क लगाए हैं। ऐसे में उन देशों से सस्ते प्रोडक्ट्स भारत में डंप किए जाने की संभावना बढ़ सकती है. इससे भारत में महंगाई कुछ हद तक कम हो सकती है.
टैरिफ से ग्रोथ हो सकती है प्रभावितवित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है. लेकिन ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल (Emkay Global) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अनुमान पर अब नीचे की ओर खतरा बढ़ गया है. अगर टैरिफ के मामले में अन्य देश भी अमेरिका की राह पर चलते हैं तो इससे ग्लोबल या अमेरिकी मंदी का खतरा बढ़ सकता है. यह भारत की ग्रोथ को प्रभावित करेगा. हालांकि, अन्य एशियाई देशों के मुकाबले भारत पर असर कम होगा.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 07, 2025, 07:25 ISThomebusinessRBI MPC Meet : क्या फिर लौटेगा सस्ते होम, ऑटो लोन का दौर!
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