IPO ना लाने पर तुला टाटा संस, आरबीआई ने भी बता दिया इससे बचने का तरीका!

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Last Updated:January 30, 2025, 17:46 ISTTata Sons को RBI से स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग से छूट मिलने वाली है. कंपनी ने NBFC-CIC लाइसेंस सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की है और वित्तीय सेवाओं में शामिल न होने का आश्वासन दिया है. RBI ने Tata Sons से यह गारं…और पढ़ेंटाटा संस अगर ऐसा नहीं करता है तो उसे आईपीओ लाना ही पड़ेगा.हाइलाइट्सTata Sons को स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग से छूट मिलने वाली है.Tata Sons ने NBFC-CIC लाइसेंस सरेंडर करने की प्रक्रिया शुरू की.RBI ने Tata Sons से वित्तीय सेवाओं में शामिल न होने का आश्वासन मांगा.नई दिल्ली. Tata Group की होल्डिंग कंपनी Tata Sons को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग से छूट मिलने की अंतिम मंजूरी मिलने वाली है. इसके लिए कंपनी RBI द्वारा मांगी गई एक महत्वपूर्ण गारंटी देने की प्रक्रिया में है. मनीकंट्रोल की एक्सक्लूजिव खबर के अनुसार, RBI ने Tata Sons से यह लिखित आश्वासन मांगा है कि NBFC-CIC (Core Investment Company) लाइसेंस सरेंडर करने के बाद, कंपनी किसी भी प्रकार की वित्तीय सेवाओं में सीधे या परोक्ष रूप से शामिल नहीं होगी.

इसका मतलब यह है कि अगर Tata Sons अपने ग्रुप की कंपनियों को गारंटी देता है, तो यह बिना किसी वित्तीय लाभ के यानी प्रो-बोनो (नि:शुल्क) आधार पर ही किया जा सकेगा. यदि गारंटी में किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन या शुल्क शामिल होता है, तो यह बैंक गारंटी की तरह माना जाएगा, जो कि NBFC-CIC लाइसेंस सरेंडर करने के बाद प्रतिबंधित होगा.

सूत्रों के अनुसार, RBI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि Tata Sons वित्तीय सेवाओं के जरिए किसी भी तरह का लाभ न कमाए. इसी कारण, अप्रैल 2023 में, Tata Sons ने ग्रुप की कंपनियों को उधार देने (On-lending) की प्रथा को रोक दिया था. बैंकिंग क्षेत्र में On-lending का अर्थ होता है कि कोई होल्डिंग कंपनी अपने नाम पर ऋण लेकर उसे अपनी सहायक कंपनियों को आगे उधार दे. RBI ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद Tata Sons ने इस प्रक्रिया को रोक दिया.

NBFC-CIC दर्जा हटते ही लिस्टिंग की जरूरत नहीं रहेगीसूत्रों के मुताबिक, Tata Sons जल्द ही RBI को यह गारंटी सौंपने की प्रक्रिया में है. एक बार यह औपचारिकता पूरी हो जाने के बाद, RBI Tata Sons को NBFC-CIC के रूप में ‘डि-क्लासिफाई’ कर सकता है, जिससे कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की अनिवार्यता से छूट मिल जाएगी.

NBFC-CIC लाइसेंस हटाने की प्रक्रियाअक्टूबर 2022 में, RBI ने Tata Sons को ‘Upper Layer NBFC’ की श्रेणी में रखा था, जिससे उसे सितंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से लिस्टिंग करने की शर्त माननी पड़ती. Tata Sons ने इस शर्त से बचने के लिए अपने सभी कर्ज चुका दिए और खुद को पूरी तरह कर्ज-मुक्त बना लिया. जनवरी 2024 में RBI द्वारा जारी की गई ‘Upper Layer NBFCs’ की सूची में Tata Sons का नाम शामिल किया, लेकिन यह भी संकेत दिया कि NBFC-CIC लाइसेंस हटाने की Tata Sons की अपील अभी समीक्षा के अधीन है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :January 30, 2025, 17:46 ISThomebusinessIPO ना लाने पर तुला टाटा संस, आरबीआई ने भी बता दिया इससे बचने का तरीका!

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