रतन टाटा के बंगले पर किसका हक, क्या रहने आएंगे नोएल या होगा कब्जा?

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Ratan Tata Bungalow: दिवंगत रतन टाटा की वसीयत और संपत्तियों का बंटवारा फिर से सुर्खियों में है. अब कोलाबा में समंदर के किनारे स्थित उनके बंगले को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. सवाल है कि क्या रतन टाटा के छोटे और सौतेले भाई व टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा इसे अपना नया घर बनाना चाहेंगे? ऐसी खबरें हैं कि नोएल टाटा और उनका परिवार कफ़ परेड के विंडमेयर बंगले के बजाय ‘हेलेकाई’ (रतन टाटा का बंगला) में रहने पर विचार कर सकते हैं. दरअसल, इस बंगले में रतन टाटा ने अपनी जिंदगी के आखिरी दिन बिताए थे.

कितना बड़ा है रतन टाटा का बंगला ‘हलकाई’

रतन टाटा का कोलाबा स्थित बंगला, तीन मंजिला और 13,350 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस घर की कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है. इस बंगले का स्वामित्व ईवार्ट इन्वेस्टमेंट्स के पास है, जो टाटा संस की सहायक कंपनी है.

-रतन टाटा के इस सी-फेसिंग (समंदर के सामने) बंगले में बड़ा सन-डेक है. यहां इन्फिनिटी पूल, प्राइवेट लाइब्रेरी और सी-व्यू के साथ बेडरूम और प्लेरूम भी हैं.

-रतन टाटा के लिविंग रूम में खूबसूरत रेलिंग के साथ शानदार सीढ़ियां हैं. इस घर में शानदार फ्लोरिंग और इनडोर प्लांट भी इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं.

-हलकाई के बेसमेंट में 15 कार को पार्क करने की सुविधा है. इस घर में 4 बेड रूम हैं.

-2012 में टाटा संस से सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने हलकाई को अपना घर बना लिया और आखिरी वक्त तक यहीं रहे.

रतन टाटा ने वास्तुकार बटलीबोई की सहायता से हलेकाई को डिजाइन किया और अपने जर्मन शेफर्ड और घर के कर्मचारियों के साथ यहां रहते थे. अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के निधन के बाद से यह बंगला खाली है.

नोएल टाटा ने नहीं दिया जवाब

नोएल, उनकी पत्नी आलू मिस्त्री और उनका परिवार काफी समय से कफ परेड में छह मंजिला इमारत विंडमेयर में रह रहे हैं. आलू और उनकी बहन लैला जहांगीर को यह इमारत उनके पिता पल्लोनजी मिस्त्री से विरासत में मिला था, जो शापूरजी पल्लोनजी समूह के पूर्व अध्यक्ष थे. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, 2 अप्रैल को हलकाई के बारे में नोएल टाटा को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला.

टाटा समूह के कुछ पूर्व अध्यक्ष/उपाध्यक्षों के मुंबई स्थित आवास उनके निधन के बाद अनुपयोगी हो गए हैं. अल्टामाउंट रोड पर केयर्न, जहाँ जेआरडी टाटा रहते थे और जुहू में समुद्र तट के सामने वाला बंगला (जेडब्ल्यू मैरियट होटल के पास) नवल टाटा के स्वामित्व में है, जो नोएल और आरएनटी के पिता और उप-अध्यक्ष थे. सूत्रों ने बताया कि दोनों संपत्तियों पर समय-समय पर टाटा समूह के शीर्ष अधिकारियों और टाटा परिवार के मित्रों ने कब्ज़ा किया है.

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