Last Updated:June 24, 2025, 23:06 ISTकांतस एयरवेज की पर्थ से पेरिस जाने वाली फ्लाइट को ईरान-इस्राइल सैन्य तनाव के कारण उड़ान के 15 घंटे बाद पर्थ लौटना पड़ा. ईरान द्वारा मिसाइल हमले के बाद मध्य-पूर्व के कई देशों ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिससे …और पढ़ेंकंतास एयरवेज का ये प्लेन पर्थ से उड़ा था.हाइलाइट्स.ईरान-इस्राइल तनाव के कारण Qantas की पेरिस फ्लाइट 15 घंटे बाद पर्थ लौट आई.लंदन फ्लाइट को भी डायवर्ट कर सिंगापुर भेजा गया.मिडिल ईस्ट में एयरस्पेस बंद होने से कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर.नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख एयरलाइन कांतस एयरवेज (Qantas Airways) की पर्थ से पेरिस जाने वाली एक फ्लाइट ने सोमवार को अनोखा और अप्रत्याशित मोड़ ले लिया. यह फ्लाइट लगभग 15 घंटे हवा में रहने के बाद वापस उसी पर्थ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लौट आई जहां से इसने उड़ान भरी थी. इस पूरे घटनाक्रम के पीछे ईरान और इस्राइल के बीच जारी सैन्य तनाव है, जिसने मध्य-पूर्व के एयरस्पेस को अस्थाई रूप से असुरक्षित बना दिया.सोमवार शाम 7:35 बजे (स्थानीय समय) Qantas का Boeing 787 विमान पर्थ से पेरिस के लिए रवाना हुआ. इस फ्लाइट को करीब 17 घंटे की नॉनस्टॉप उड़ान में फ्रांस पहुंचना था. लेकिन जब विमान भारत के दक्षिण-पश्चिमी हवाई क्षेत्र के करीब पहुंचा, उसी दौरान ईरान की ओर से मिसाइल हमलों की सूचना मिली. इसके चलते Qantas को तुरंत अलर्ट भेजा गया और पायलट ने विमान को यू-टर्न कर वापस ऑस्ट्रेलिया लाने का फैसला लिया. फ्लाइट आखिरकार मंगलवार सुबह 11 बजे पर्थ एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड कर गई.
लंदन की फ्लाइट को भी बदलना पड़ा रूट
कांतस की एक अन्य फ्लाइट, जो पर्थ से लंदन (हीथ्रो) के लिए रवाना हुई थी, उसे भी इसी संकट के चलते सिंगापुर डायवर्ट कर दिया गया. दोनों फ्लाइट्स के यात्रियों के लिए कांतस ने होटल में रात भर ठहरने की व्यवस्था की और वैकल्पिक उड़ानों के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं.
कांतस की प्रतिक्रिया और रूट में बदलाव
Qantas ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वे एयरस्पेस की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं. वर्तमान हालात को देखते हुए यूरोप जाने वाली उड़ानों के रूट में बदलाव किया जा रहा है. कांतस की पर्थ-यूरोप डायरेक्ट फ्लाइट्स आमतौर पर मध्य-पूर्व के एयरस्पेस से होकर जाती हैं, लेकिन तनाव या युद्ध की स्थिति में इन्हें सिंगापुर या अन्य देशों के जरिए डाइवर्ट किया जाता है.
संघर्ष की पृष्ठभूमि
मध्य-पूर्व में यह ताजा संकट 13 जून को उस वक्त शुरू हुआ जब इस्राइल ने ईरान पर एक अप्रत्याशित सैन्य हमला किया. जवाबी कार्रवाई में 24 जून को ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल-उदीद पर मिसाइल हमला कर दिया. इसके बाद कतर ने तत्काल प्रभाव से अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया. इसी बीच, यूएई और आसपास के देशों में भी उड़ानों को स्थगित किया गया. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीज़फायर की घोषणा की, लेकिन मंगलवार को भी दोनों ओर से छोटे-मोटे संघर्ष और उल्लंघन की खबरें आती रहीं, जिससे सुरक्षा चिंताएं बनी हुई हैं.
यात्रियों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
Qantas और अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस फिलहाल हालात का बारीकी से मूल्यांकन कर रही हैं. कई फ्लाइट्स को मध्य-पूर्व के ऊपर उड़ान न भरने की सलाह दी गई है. यात्री सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किए जा रहे हैं.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness15 घंटे हवा में रहकर वापस वहीं पहुंचा प्लेन, जहां से भरी थी उड़ान, क्या थी वजह
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