Last Updated:March 28, 2025, 17:36 ISTसरकारी बैंकों के बेहतर प्रदर्शन और जनता के भरोसे के कारण अब निजीकरण की जरूरत नहीं समझी जा रही है. हालांकि, IDBI बैंक का मामला अभी भी चल रहा है. Image – AIहाइलाइट्ससरकारी बैंकों का निजीकरण स्थगित किया गया.सरकारी बैंकों का कुल शुद्ध लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा.IDBI बैंक का निजीकरण अभी भी विचाराधीन है.एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव अभी के लिए स्थगित कर दिया है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन बैंकों ने पिछले कुछ सालों में अच्छा मुनाफा कमाया है और अब उन्हें निजी हाथों में देने की जरूरत नहीं है.
मनीकंट्रोल ने अधिकारी के हवाले से लिखा, “हमें बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता नहीं है… क्यों करें? ये बैंक लाभ कमा रहे हैं और लोगों का सरकारी बैंकों पर भरोसा भी बना हुआ है.” पिछले कुछ सालों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने निजी बैंकों को भी पीछे छोड़ दिया है. 2023-24 में इन बैंकों का कुल शुद्ध लाभ 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि 2022-23 में यह 1.05 लाख करोड़ रुपये था.
क्यों बनी थी निजीकरण की योजनावित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के केंद्रीय बजट में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. यह नई पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (PSE) नीति का हिस्सा था, जिसमें सरकार ने रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या केवल चार तक सीमित रखने का फैसला किया था. सरकार का मानना था कि निजीकरण से बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इसका समग्र विकास होगा.
हालांकि, सरकार को अभी तक बैंकिंग कंपनियों (अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और 1980 तथा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में जरूरी संशोधन करने हैं, ताकि दो बैंकों का निजीकरण किया जा सके.
बैंक यूनियनों का विरोधइस प्रस्ताव का बैंक कर्मचारी यूनियनों ने जमकर विरोध किया है. उनका मानना है कि सरकारी बैंक देश निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और जनता की बचत को कृषि जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में लगाते हैं. 2021 में, 8 लाख बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ हड़ताल की थी. यही विरोध सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
IDBI बैंक के निजीकरण पर सवालमनीकंट्रोल की ही रिपोर्ट के मुताबिक, सांसद सुप्रिया सुले ने IDBI बैंक के निजीकरण पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बैंक मुनाफे में है, इसलिए इसके और शेयर बेचने की जरूरत नहीं है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में IDBI बैंक के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.
DIPAM सचिव अरुणीश चावला ने कहा कि IDBI बैंक में सरकार और LIC की 61% हिस्सेदारी की बिक्री अगले तीन महीनों में पूरी होने की उम्मीद है. सरकार के पास 30.48% और LIC के पास 30.24% हिस्सेदारी है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 28, 2025, 17:36 ISThomebusinessलाखों करोड़ में कमाकर दे रहे सरकारी बैंक, सरकार खुश! अब नहीं होगा निजीकरण
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News