UPS और NPS में कन्‍फ्यूज हैं 23 लाख कर्मचारी! बस एक नजर में दूर हो जाएगा भ्रम

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नई दिल्‍ली. 20 साल से गारंटी वाली पेंशन मांग रहे लाखों कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल एक पुख्‍ता योजना पेश की थी. यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) को पेश करते समय सरकार ने दावा किया था कि इसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी बतौर पेंशन दिया जाएगा. साथ ही हर साल पुरानी पेंशन की तरह डीए बढ़ोती का भी लाभ दिया जाएगा. इतनी सारे वादों के बाद भी 23 लाख कर्मचारियों को इस पर भरोसा नहीं हो रहा.सरकार ने यूपीएस योजना में उन कर्मचारियों को भी शामिल करने का अवसर दिया है, जो पुरानी पेंशन के खत्‍म होने के बाद एनपीएस में चले गए थे. यूपीएस को लेकर सारी कंफ्यूजन भी उन्‍हीं कर्मचारियों को है, जो करीब 20 साल से एनपीएस के तहत अपना योगदान दे रहे हैं. सरकार ने पुरानी पेंशन के दो बड़े फायदे देते हुए यूपीएस में गारंटीशुदा 50 फीसदी पेंशन और डीए को शामिल किया था. बावजूद इसके करीब 23 लाख कर्मचारी कंफ्यूजन की वजह से एनपीएस और यूपीएस में से एक का चुनाव नहीं कर पा रहे.

30 जून को खत्‍म होने वाली थी डेडलाइन
सरकार ने साल 2024 में यूपीएस को लागू करते हुए एनपीएस के तहत योगदान करने वाले कर्मचारियों को दोनों योजना में से किसी एक चुनाव करने के लिए 30 जून तक का समय दिया था. इस डेडलाइन को बीतने में सिर्फ 5 दिन का समय बचा था और महज 10 हजार कर्मचारियों ने ही यूपीएस का चुनाव किया. असमंजस में पड़े इन कर्मचारियों को ज्‍यादा समय देने के लिए सरकार ने डेडलाइन को 3 महीने और बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है.

क्‍या है दोनों में बेसिक अंतरगारंटी वाली पेंशन स्‍कीम यूपीएस में सरकार का योगदान 18.5 फीसदी होगा, जबकि कर्मचारी महज 10 फीसदी पैसा डालेंगे. एनपीएस में कर्मचारी का योगदान तो यही रहता है, लेकिन सरकार का योगदान 14 फीसदी तक ही रह जाता है. यूपीएस में सारे पैसे का प्रबंधन पीएफआरडीए करेगा, जबकि एनपीएस बाजार के अधीन योजना है, जिसमें सरकार और कर्मचारियों के योगदान किए पैसों का प्रबंधन फंड मैनेजर करते हैं.

कैसे दूर करें असमंजस
23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस में फायदा नहीं दिख रहा, तभी तो अब तक महज 10 हजार लोगों ने ही इसे अपनाया. योजना का प्रबंधन करने वाले पीएफआरडीए ने इसके नफा-नुकसान को समझने के लिए एक कैलकुलेटर पेश किया है. अगर उस कैलकुलेटर पर एक डाटा डाला जाए तो एनपीएस और यूपीएस में से किसमें फायदा होगा, इसका पता चुटकियों में लगाया जा सकता है. मान लीजिए, साल 1980 में जन्‍में किसी व्‍यक्ति ने 2005 में नौकरी ज्‍वाइन की. उसे 60 साल की उम्र में रिटायर होना है तो कुल सेवाकाल हुआ 35 साल. उसकी मौजूदा बेसिक सैलरी 35,000 रुपये और अभी तक एनपीएस में कुल निवेश 12 लाख हो चुका है. रिटायरमेंट तक उन्‍हें सालाना 2 फीसदी का इंक्रीमेंट और 6 फीसदी डीए का फायदा मिलेगा. उनके निवेश का रिटर्न 10 फीसदी रहता है, जिससे तैयार हुए कॉपर्स में से 60 फीसदी रिटायरमेंट पर एकमुश्‍त मिल जाएगा, जबकि शेष राशि को एन्‍युटी में जमा करने पर अगले 90 साल की उम्र तक कितने रुपये पेंशन मिलेगी, जबकि एन्‍युटी पर सालाना 6 फीसदी का ब्‍याज दिया जाएगा.

यूपीएस में कितनी पेंशन मिलेगीऊपर दिए गए आंकड़ों के हिसाब से अगर यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की शुरुआत 23,388 रुपये से होगी, जिसमें महंगाई राहत (DR) को भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को 10,58,643 रुपये एकमुश्‍त दिए जाएंगे. रिटायरमेंट पर कुल 67,50,640 रुपये निकाले जा सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी को पेंशन के रूप में कुल 1,81,86,820 रुपये दिए जाएंगे.

एनपीएस में हर महीने कितना मिलेगाऊपर दिए आंकड़े के आधार पर एनपीएस में 25,070 रुपये से पेंशन की शुरुआत होगी. इसमें एकमुश्‍त निकासी का आंकड़ा पीएफआरडीए ने नहीं बताया, लेकिन रिटायरमेंट के बाद 75,20,989 रुपये एकमुश्‍त निकाले जा सकते हैं. चूंकि, एनपीएस में हर साल डीए बढ़ोतरी की कोई सुविधा नहीं होती, लिहाजा इसके तहत पेंशन के रूप में कुल 90,25,187 रुपये मिल सकेंगे.

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