देश छोड़िए, भारत के एक राज्य से भी पीछे पाकिस्तान, वहीं के एमपी ने खोली पोल

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नई दिल्ली. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में वहीं एक सांसद ने अपने देश की आर्थिक हालत को लेकर वहां की सरकार को खूब लताड़ा है. ऐसा करते वक्त उन्होंने भारत का ही उदाहरण दिया और कहा कि कैसे उनके पूरे देश से ज्यादा बजट तो हिन्दुस्तान के एक राज्य का है. तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चेयरमैन गौहर खान ने यूपी और पाकिस्तान के बजट की तुलना करते हुए कहा, “हमारा कुल बजट 62 अरब डॉलर है, जबकि…उत्तर प्रदेश का बजट 97 अरब डॉलर का है.” उन्होंने रेवेन्यू की भी तुलना की. बकौल खान, “हमारा कुल रेवेन्यू 50 अरब डॉलर है जबकि उत्तर प्रदेश का 80 अरब है.”गौहर खान ने बताया कि पूरे पाकिस्तान का टैक्स रेवेन्यू भारत के एक राज्य, यूपी से 16 अरब डॉलर कम है. हालांकि, उन्होंने इस बीच एक गलती भी की. उन्होंने भारत को 50 राज्य वाला देश बता दिया. बहुत हद तक संभव है कि उनके दिमाग में यह स्पीच देते वक्त शायद यूएस चल रहा हो, क्योंकि 50 राज्य वाला बड़ा देश यूएस ही है. बहरहाल खान यहीं नहीं रुके. उन्होंने मौजूदा पाकिस्तान सरकार पर विपक्षी की आवाज न सुनने का भी आरोप लगाया. उन्होंने एक बार फिर भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे हिन्दुस्तान में विपक्ष के सुझावों को तरजीह दी जाती है.

वाजपेयी-मनमोहन सिंह की कहानी

गौहर खान ने पाकिस्तानी संसद को भारतीय संसद की एक कहानी सुनाई. उन्होंने कहा, “हिन्दुस्तान में नरसिम्हा राव की सरकार थी. उस वक्त मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे. अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे. भारत की सरकार विपक्ष की सलाह का भी बहुत सम्मान करती थी. पाकिस्तान की तरह नहीं, जैसे हम यहां बजट को लेकर कुछ सुझाव दे रहे हैं और सरकार की ओर से संसद में कोई मंत्री या अधिकारी मौजूद ही नहीं है जो हमारी बात को नोट करे.” उन्होंने आगे कहा, “जब मनमोहन सिंह ने बजट पेश किया तो वाजपेयी ने उसकी आलोचना की और टैक्स रिफॉर्म्स के मुद्दे पर कुछ सुझाव दिये. इस पर मनमोहन सिंह खड़े हुए और वाजपेयी का आश्वासन दिया कि उनके सुझावों को अमल में लाया जाएगा और ऐसा किया भी गया.”

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश ने ₹8.09 लाख करोड़ (लगभग $95.7 अरब) का बजट पेश किया है, जो पिछले साल की तुलना में 9.8% अधिक है. इसमें 22% हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर, 13% शिक्षा, 11% कृषि और 6% स्वास्थ्य पर खर्च किया जाएगा. यूपी सरकार का जोर रिसर्च, IT सेक्टर (जैसे लखनऊ में AI सिटी), एक्सप्रेसवे और सामाजिक योजनाओं पर है. वहीं पाकिस्तान ने 2024-25 के लिए PKR 18.9 ट्रिलियन (लगभग $68 अरब) का बजट पेश किया है, जिसमें 50% से ज्यादा हिस्सा केवल कर्ज चुकाने में जा रहा है. इसके अलावा 13% रक्षा, 7% विकास और 10% सब्सिडी व सामाजिक योजनाओं के लिए निर्धारित किया गया है.

राजस्व के मामले में भी उत्तर प्रदेश पाकिस्तान से आगे है. यूपी को कुल ₹6.62 लाख करोड़ (करीब $78.3 अरब) की राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है, जिसमें ₹2.95 लाख करोड़ (₹34.9 अरब) का राज्य का खुद का टैक्स रेवेन्यू है, जिसमें से सबसे ज्यादा हिस्सा SGST से आता है. पाकिस्तान की कुल आय PKR 13.3 ट्रिलियन (~$47.8 अरब) है, जिसमें से PKR 9.4 ट्रिलियन टैक्स रेवेन्यू और PKR 3.9 ट्रिलियन नॉन-टैक्स रेवेन्यू है. यूपी का टैक्स रेवेन्यू पाकिस्तान से थोड़ा ज्यादा है, जबकि पाकिस्तान की आय IMF की मदद और उधार पर ज़्यादा निर्भर है.

राजकोषीय घाटे के मामले में भी उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहतर है. यूपी का घाटा ₹91,399 करोड़ (करीब $10.8 अरब) है, जो GSDP का 2.97% है, जबकि पाकिस्तान का घाटा $20.1 अरब (GDP का 6.8%) है. यूपी को इस बार ₹79,516 करोड़ का राजस्व सरप्लस मिला है, जबकि पाकिस्तान को ₹2.7 ट्रिलियन का घाटा हुआ है. जहां यूपी की वित्तीय नीतियां उसे $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की दिशा में ले जा रही हैं, वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी कर्ज और राजस्व कमी के दबाव में है.

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