खुद ही अपनी कब्र खोद रहा भारत का पड़ोसी! कर्ज से ज्यादा बांट रहा मुफ्त की रेवड़ियां

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Last Updated:June 10, 2025, 19:27 ISTपाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है, वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स छूट से 21 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब की “आर्थिक समीक्षा 2024-25” में इसका जिक्र है.औरंगजेब ने पाकिस्तान की संसद में हाल ही में आर्थिक समीक्षा पेश की थीहाइलाइट्सपाकिस्तान को टैक्स छूट से 21 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स छूट की लागत 5800 अरब पाकिस्तानी रुपये पहुंची.पाकिस्तान पर 17 अरब डॉलर का कर्ज है.नई दिल्ली. पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और अब नई आर्थिक समीक्षा से सामने आया है कि टैक्स छूट की वजह से देश को वित्त वर्ष 2024-25 में 21 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है. यह नुकसान उस रकम से भी अधिक है जो पाकिस्तान को इस साल चीन, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत जैसे देशों को अपने परिपक्व हो चुके कर्जों के बदले चुकानी है. यह रकम करीब 17 अरब डॉलर है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा हाल ही में पेश की गई “आर्थिक समीक्षा 2024-25” में इस घाटे का जिक्र किया गया है. इसमें देश की वित्तीय नीतियों, राजस्व स्थिति और टैक्स से जुड़े संकेतकों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है.

समीक्षा के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में टैक्स छूट की लागत 5800 अरब पाकिस्तानी रुपये पहुंच गई है, जो पिछले साल के 3900 अरब रुपये से करीब 2000 अरब रुपये अधिक है. यह अब तक की सबसे बड़ी टैक्स छूट है. पाकिस्तान में वित्त वर्ष 1 जुलाई से शुरू होकर 30 जून को खत्म होता है. डॉलर के लिहाज़ से देखें तो यह छूट 21 अरब डॉलर के बराबर बैठती है. यह टैक्स छूटें विभिन्न सेक्टर्स और वर्गों को दी जाती हैं, जिनमें कुछ को विदेशी दबाव के कारण भी बरकरार रखा जाता है.

टैक्स छूट की वजह से राजस्व पर बड़ा असर

आर्थिक समीक्षा में यह भी बताया गया है कि यह टैक्स छूट तीन बड़े टैक्स कानूनों के तहत दी जाती है. इस बार बिक्री कर में सबसे ज्यादा छूट देखी गई, जो पिछले वर्ष के 2900 अरब रुपये से बढ़कर 4300 अरब रुपये हो गई—यानी करीब 50% की बढ़ोतरी. इसके अलावा, आयकर छूट 477 अरब रुपये से बढ़कर 801 अरब रुपये पहुंच गई है, जो 68% की बढ़त है. सीमा शुल्क की छूट भी 543 अरब रुपये से बढ़कर 786 अरब रुपये हो गई है. यानी सभी प्रमुख कर श्रेणियों में भारी छूट दी गई है, जिसके चलते देश के टैक्स रेवेन्यू में कमी आ रही है.

गौर करने वाली बात ये है कि सरकार ने पिछले बजट में कुछ टैक्स छूटों को खत्म करने की कोशिश की थी, लेकिन इसके बावजूद टैक्स खर्च लगातार बढ़ा है. इसके पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि सरकार ने वेतनभोगियों पर टैक्स का बोझ बढ़ाया लेकिन खुदरा व्यापारी और कुछ अन्य सेक्टर अभी भी इन छूटों से मुक्त हैं.

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अमेरिका क्यों चाहता है पाकिस्तान में टैक्स छूट बनी रहे?

अमेरिका समेत कुछ पश्चिमी देश चाहते हैं कि पाकिस्तान कुछ क्षेत्रों में टैक्स छूट बनाए रखे, ताकि वहां विदेशी निवेश और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल सके. खासकर टेक्सटाइल, आईटी और कुछ सैन्य आपूर्ति से जुड़े क्षेत्रों में टैक्स छूट विदेशी सहयोगियों के लिए फायदेमंद रहती है. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान जैसे IMF या विश्व बैंक, कुछ सामाजिक और विकास कार्यक्रमों पर टैक्स छूट की वकालत करते हैं, ताकि गरीब वर्ग को राहत मिल सके.

हालांकि, पाकिस्तान की वर्तमान हालत को देखते हुए यह नीति अब बोझ बनती जा रही है. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार टैक्स छूट में इतनी बड़ी बढ़ोतरी को किसी भी तरह की असाधारण आर्थिक गतिविधि से नहीं जोड़ा जा सकता, यानी सरकार ने या तो कुछ छिपी हुई टैक्स छूटें दी हैं या पिछले वर्ष के आंकड़ों को कम करके पेश किया गया था.

Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessखुद अपनी कब्र खोद रहा भारत का पड़ोसी! कर्ज से ज्यादा बांट रहा मुफ्त की रेवड़ी

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