Pakistan IMF Loan : भीख मिलने को भारत की हार बता रहा पाकिस्तान

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Last Updated:May 10, 2025, 12:34 ISTआईएमएफ ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की मंजूरी दी है, जिसमें 1.3 अरब डॉलर की पहली किस्त शामिल है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे भारत की हार बताया है.भारत ने 1993 के बाद आईएमएफ से कोई लोन नहीं लिया है जबकि पिछले पांच सालों में ही 4 बार बेलआउट पैकेज ले चुका है. हाइलाइट्सआईएमएफ ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया.भारत ने 1991 के बाद आईएमएफ से कोई बेलआउट पैकेज नहीं लिया.पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 125 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.नई दिल्‍ली. भारत के तमाम विरोध के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्‍तान के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे दी है. आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) के लोन की समीक्षा के बाद 1.3 अरब डॉलर की पहली किस्‍त को मंजूरी दी है. यह लोन 2 साल की अवधि के लिए दिया गया है. पाकिस्‍तान यह लोन मिलने के बाद काफी उछल रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मदद को ‘भारत की दबाव की रणनीति की हार’ और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम बताया है.

पिछले कुछ सालों से दुनियाभर में पैसों के लिए कटोरा लेकर घूम रहे पाकिस्‍तान को शायद इस बात का पता नहीं है कि भारत ने 1993 के बाद आईएमएफ से कोई लोन नहीं लिया है. भारत ने आखिरी बार 1993 में आईएमएफ से ऋण लिया था. यह लोन 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. यह ऋण उस समय के 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्टैंडबाय लोन का रूपांतरण था. भारत ने 31 मई, 2000 तक आईएमएफ के सभी ऋण चुका दिए. वहीं, दूसरी ओर 1989 से लेकर अब तक 35 वर्षों में पाकिस्तान को 28 साल IMF से वित्तीय मदद मिली है, और पिछले 5 वर्षों में ही चार बेलआउट पैकेज उसे मिले हैं. खास बात यह है कि भारत ने कभी भी अंतराष्‍ट्रीय संस्‍थानों से लिए ऋण को चुकाने में चूक नहीं की है.

भारत पर है 717.9 बिलियन डॉलर कर्ज1991 के आर्थिक संकट के दौरान जब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत कम हो गया था, तब भारत ने आखिरी बार अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज लिया था. साल 2024 के आखिर तक भारत का विदेशी कर्ज 717.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. वित्त मंत्रालय की क्‍वार्टरली एक्‍सटर्नल डेट रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि दिसंबर 2023 के 648.7 बिलियन डॉलर की तुलना में 10.7% अधिक है.

डॉलर में लिया है सबसे ज्‍यादा लोनभारत के विदेशी ऋण में अमेरिकी डॉलर में लिया गया लोन का हिस्‍सा सबसे ज्‍यादा है. यह कुल लोन का करीब 54.8% है. भारतीय रुपये में 30.6%, जापानी येन में 6.1% और यूरो में 3% लोन भारत ने लिया है. दिसंबर 2024 में भारत का ऋण जीडीपी अनुपात 19.1% था. भारत ने दीर्घकालिक ऋण (एक वर्ष से अधिक की परिपक्वता वाला लोन) ज्‍यादा लिया है. भारत का एक्‍सटर्नल लोन हाल के वर्षों में बढ़ा है, लेकिन ऋण-से-जीडीपी अनुपात में कमी आई है. 1991 में यह अनुपात 28.3% था जो दिसंबर 2024 में 19.1 फीसदी होगया. यह भारत के मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है.

कर्ज में डूबा है पाकिस्‍तान पाकिस्‍तान सिर से पांव तक कर्ज में डूबा है. अर्थव्‍यवस्‍था के गर्त में पहुंच जाने के बाद उसे लोन लेने के लिए खूब पापड़ बेलने पड़ रहे हैं. 2025 में उसका विदेशी कर्ज 125 बिलियन डॉलर (लगभग 10.4 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है, जो जीडीपी का 42% है. विदेशी मुद्रा भंडार केवल 9.5 बिलियन डॉलर हैं, जो दो महीने के आयात को भी मुश्किल से कवर कर सकता है.
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