पाब्‍लो एस्कोबार: दुनिया का सबसे अमीर ड्रग माफिया जो रोजाना कमाता था ₹400 करोड़

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नई दिल्‍ली. दुनिया में बहुत से लोगों ने बिजनेस से अथाह कमाई की है. कुछ लोगों ने गलत धंधों से भी अकूत संपत्ति बनाई है. लेकिन, कोलंबियाई ड्रग माफिया पाब्‍लो एस्कोबार ने ड्रग तस्‍करी से जितनी दौलत इक्‍ट्ठी की, उतनी आज तक कोई दूसरा अपराधी नहीं कर पाया. एक समय पाब्‍लो की रोजाना की कमाई 400 करोड़ रुपये थी.  1989 में फोर्ब्स पत्रिका ने पाब्लो को दुनिया का सातवां सबसे अमीर व्यक्ति बताया था.. 1993 में उसकी मृत्‍यु के समय उसकी नेटवर्थ 80 बिलियन डॉलर यानी ₹6.72 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी. अपराध की दुनिया ने उसे ‘कोकीन का राजा’ की उपाधि दी थी. एक समय पाब्‍लो करंसी नोटों की गड्ढी बांधने के लिए ही हर हफ्ते एक हजार डॉलर के रबर बैंड खरीदता था.

भले ही पाब्‍लो दुनिया के नजर में एक खतरनाक अपराधी था, लेकिन कोलंबिया में बहुत से लोग उसे ‘रॉबिनहुड’ मानते थे. पाब्‍लो ने गरीबों के लिए स्कूल, खेल के मैदान और चर्च बनवाए थे. पाब्‍लो अपनी बेटी से बहुत प्‍यार करते थे. एक बार उनकी बेटी को रात को ठंड लग रही थी. आग जलाने के लिए लकड़ी नहीं थी. पाब्‍लो ने बेटी को सर्दी से बचाने को डॉलर जलाने शुरू कर दिए. उसने 2 मिलियन डॉलर यानी करीब 14 करोड़ रुपए की नकदी बस अपनी बेटी को ठंड से बचाने के लिए ही जला डाली.

1983 में मेडेलिन में फुटबॉल मैच देखते हुए पाब्लो एस्कोबार.

पिता थे किसान, मां टीचर

पाब्लो एस्कोबार का जन्‍म कोलंबिया के एक गरीब किसान परिवार में हुआ. उसके पिता एबेल खेती करते थे, जबकि मां टीचर थी. पाब्‍लो ने मेडेलिन की यूनिवर्सिडाड ऑटोनोमा लैटिनोअमेरिकाना में पढ़ाई शुरू की, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण छोड़ दी. किशोरावस्था में उसने नकली डिप्लोमा, अवैध सिगरेट और लॉटरी टिकट बेचना और कार चोरी जैसे छोटे अपराध करने शुरू कर दिए.

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पाब्‍लो ने कोलंबिया और पेरू के किसानों को अपने प्रभाव में लेकर कोका की खेती पर कब्जा जमा लिया. जंगलों में गुप्त प्रयोगशालाएं बनवाईं जहां कोकेन को रिफाइन किया जाता था. उसका तंत्र इतना गुप्त और प्रभावशाली था कि पुलिस को उसकी गतिविधियों की भनक भी नहीं लगती थी. पाब्‍लो ने तस्करी के भी अनोखे तरीके अपनाए. उसने छोटे विमानों और नौकाओं का इस्‍तेमाल कोकीन का अमेरिका और यूरोप पहुंचाने में किया. मादक पदार्थों को छिपाने के लिए वह टायरों, मछली के डिब्बों, फलों के कंटेनरों और कपड़ों का सहारा लेता था.

वैश्विक ड्रग साम्राज्य का निर्माण

1970 से 1990 के दशक के बीच पाब्लो एस्कोबार ने अपने ड्रग साम्राज्य को अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों तक फैला दिया. पाब्‍लो ने अपने ड्रग साम्राज्‍य को फैलाने के लिए “रिश्वत या गोली” की नीति अपनाई. वह रिश्‍वत देकर सरकारी अधिकारियों और जजों को अपने पाले में करता. जो रिश्‍वत नहीं लेता, उसकी वो हत्‍या करवा देता. एक समय ऐसा भी आया जब वैश्विक कोकेन कारोबार का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा एस्कोबार के नियंत्रण में था. उसकी कमाई इतनी थी कि वह खुद को “रईसों का रईस” कहलाने लगा. हैसिएंडा नापोलेस में उसने करीब 63 मिलियन डॉलर की लागत से 7000 एकड में आलीशान एस्‍टेट बनवाया था. इसमें एक चिड़ियाघर, बुलफाइटिंग रिंग और हवाई पट्टी थी

1000 डॉलर के हर हफ्ते खरीदता था रबर बैंड

एक समय पाब्‍लो की हर दिन की कमाई 400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. सारा धंधा नकदी में होता था. करंसी नोट रखने के लिए पाब्‍लो ने कई गोदाम बनवाए थे. ढेर सारे नोट होने की वजह से उनमें से कुछ को चूहे कुतर गए. पाब्लो हर हफ़्ते 1000 डॉलर के रबर बैंड खरीदता था ताकि वह नोटों को बांध सके.

पुलिस की गोली से मारा गया पाब्लो एस्कोबार

1992 में पाब्‍लो एस्‍कोबार ने आत्‍मसमर्पण कर दिया. लेकिन, बाद में वह जेल से भाग निकला. 2 दिसंबर 1993 को कोलंबियाई पुलिस से उसकी मुठभेड़ हुई जिसमें वह पुलिस की गोली से मारा गया. कुछ लोगों का मानना ​​है कि उसने खुद को गोली मार ली क्योंकि वह पकड़ा नहीं जाना चाहता था. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि उसके भाई ने धोखे से उसकी हत्या कर दी.

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