Last Updated:February 04, 2025, 18:30 ISTGST Slab Cut : इनकम टैक्स में बड़ी छूट मिलने के बाद सरकार अब जीएसटी स्लैब को घटाने पर विचार कर रही है. वित्तमंत्री ने संकेत दिया है कि काउंसिल जल्द ही जीएसटी की दरों में कटौती कर सकती है.वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी स्लैब घटाने की बात कही है. हाइलाइट्सइनकम टैक्स में बड़ी छूट के बाद जीएसटी दरों में कटौती पर विचार.जीएसटी काउंसिल जल्द ही दरों में बदलाव पर निर्णय ले सकती है.जीएसटी स्लैब को तर्कसंगत और सरल बनाने का काम लगभग पूरा.नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट में इनकम टैक्स पर बड़ी छूट देकर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा को निहाल कर दिया. अब वित्तमंत्री ने बताया है कि जल्द ही जीएसटी पर भी फैसला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही जीएसटी काउंसिल कम दरों पर निर्णय लेगी क्योंकि इसकी समीक्षा का काम लगभग पूरा हो चुका है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है.
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के तहत अभी चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की स्लैब हैं. लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की उच्चतम श्रेणी में कर लगाया जाता है, जबकि पैक किए गए खाद्य पदार्थ और आवश्यक वस्तुएं 5 प्रतिशत की सबसे निचली स्लैब में आती हैं. वित्तमंत्री सीतारमण की अध्यक्षता वाली और उनके राज्य समकक्षों वाली काउंसिल ने जीएसटी दरों में बदलाव और स्लैब को कम करने के लिए एक मंत्रियों का समूह (GoM) बनाया है.
तीन साल से चल रहा कामवित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी काउंसिल में शामिल सभी मंत्रियों के प्रति निष्पक्ष होने के लिए, जीएसटी दरों को तर्कसंगत और सरल बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. यह लगभग तीन साल पहले शुरू हुआ था. बाद में इसका दायरा बढ़ाया गया और अब काम लगभग पूरा हो चुका है. मंत्रियों को यह निर्देश दिया गया है कि काउंसिल में दरों पर गहराई से विचार करें, क्योंकि वे आम लोगों द्वारा उपभोग की जाने वाली रोजमर्रा की वस्तुओं से संबंधित हैं. लिहाजा कोई अवसर न चूके.
आर्थिक बुनियाद काफी मजबूतवित्तमंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह भी महत्वपूर्ण था कि हम एक अवसर न चूकें. हम दरों की संख्या को भी कम कर सकें, जो कि मूल उद्देश्य भी था कि हम कम दरें और कम दरें चाहते थे. इसलिए इस पर काम होना चाहिए और मुझे उम्मीद है कि जीएसटी काउंसिल जल्द ही इस पर निर्णय लेगी. सीतारमण ने कहा कि 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करने के कुछ दिनों बाद, जिसमें मध्य वर्ग को महत्वपूर्ण आयकर राहत भी दी गई है. मंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और कोई संरचनात्मक मंदी नहीं है.
इस साल और खर्चा करेंगेउन्होंने यह भी बताया कि पुराने टैक्स रिजीम को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. पूंजीगत व्यय से संबंधित एक सवाल पर मंत्री ने आगे कहा कि पूंजीगत व्यय कम नहीं हुआ है. वास्तव में यह बढ़कर 11.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो जीडीपी का 4.3 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट ने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा, जो FY25 के संशोधित अनुमानों के लिए 10.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. यह FY24 में 10 लाख करोड़ रुपये, FY23 में 7.5 लाख करोड़ रुपये, FY22 में 5.54 लाख करोड़ रुपये और FY21 में 4.39 लाख करोड़ रुपये था.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 04, 2025, 18:30 ISThomebusinessइनकम टैक्स में मिल गई राहत, अब जीएसटी की बारी, वित्तमंत्री ने क्या कहा
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