करसन भाई की कौन-सी गलती ले डूबी निरमा को, कैसे इस ब्रांड का नामो-निशान मिट गया

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Last Updated:March 17, 2025, 16:00 ISTNirma Washing Powder Story: 1970 में शुरू हुई निरमा वॉशिंग पाउडर ने 1990 आते-आते बाजार में बड़ी हिस्सेदारी बना ली, लेकिन फिर लोकप्रियता ऐसी घटी कि इस ब्रांड का नामो-निशान मिट गया.हाइलाइट्स1990 के दशक में निरमा की बाजार हिस्सेदारी 60% थी.सर्फ एक्सेल और टाइड के आने से निरमा की लोकप्रियता घटी.एक विज्ञापन में बदलाव से निरमा का बाजार में प्रभाव कम हुआ.Nirma Washing Powder Story: 90 के दशक में दूरदर्शन के जमाने में एक विज्ञापन लोगों को बहुत आकर्षित करता था और वह था, सबकी पसंद निरमा..वॉशिंग पाउडर निरमा’ लेकिन वक्त ने ऐसी करवट ली कि निरमा का नामो-निशान मिट गया. अब लोगों की जुबान पर एरियल, टाइड और सर्फ एक्सल के नाम हैं. आखिर क्यों और कैसे डूब गया इतना लोकप्रिय वॉशिंग पाउडर ब्रांड, आइये आपको बताते हैं इसके पतन की कहानी. एक जमाना था जब निरमा का नाम और विज्ञापन दोनों काफी मशहूर थे. लेकिन, धीरे-धीरे कपड़े चमकाने वाले इस पॉपुलर ब्रांड ने अपनी ही चमक खो दी.

निरमा के पीछे किसका दिमाग था

वॉशिंग पाउंडर निरमा को बड़ा ब्रांड बनाया था करसन भाई पटेल ने, कभी साइकिल पर सामान बेचने वाले करसन भाई ने अपनी मेहनत से 17000 करोड़ का कारोबार खड़ा कर लिया. करसन भाई ने अपनी बिटिया के नाम से ही डिटर्जेंट प्रोडक्‍ट बनाना शुरू किया था. उनकी यह इच्छा थी कि उनकी यह छोटी बेटी एक दिन पूरी दुनिया में नाम कमाए, लेकिन निरुपमा की अचानक एक एक्सीडेंट में जान चली गई. बेटी की मौत से करसन भाई पटेल बुरी तरह टूट गए. हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी स्वर्गवासी बिटिया के नाम से ही डिटर्जेंट प्रोडक्‍ट बनाना शुरू कर दिया.

धंधे के लिए अपनाई नई-नई स्‍ट्रैटजी

करसन भाई ने निरमा वॉशिंग पाउडर बेचना तो शुरू कर दिया लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि बाजार में मौजूद बड़ी कंपनियों का मुकाबला कैसे करें. इसके लिए उन्होंने नई-नई स्‍ट्रैटजी अपनानी शुरू की. एक खास तरकीब लगाते हुए करसन भाई पटेल ने हर पैकेट पर लिखना शुरू किया कि ‘कपड़े साफ नहीं हो तो पैसे वापस.’

करसन भाई पटेल का यह आइडिया काम कर गया और लोगों ने उनका प्रोडक्ट खरीदना शुरू कर दिया. जब करसन भाई पटेल ने देखा कि उनका कारोबार बढ़ रहा है तो उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर पूरा ध्यान बाजार पर लगा दिया.

पहले तेजी से तरक्की फिर धड़ाम

1969 में करसनभाई पटेल द्वारा शुरू किया गया निरमा अपने सस्ते दाम और प्रभावी मार्केटिंग के दम पर 1990 के दशक तक डिटर्जेंट बाजार में टॉप प्लेयर बन गया. उस समय इसकी बाजार हिस्सेदारी 60% तक पहुंच गई थी.

हालांकि, करसन भाई पटेल और निरमा वॉशिंग पाउंडर के लिए असल चुनौती 90 के दशक के बाद शुरू हुई, जब के सर्फ एक्सेल, टाइड और अन्य ब्रांड्स ने नए फॉर्मूलेशन के साथ बाजार में दस्तक देनी शुरू की. उधर, निरमा इन बड़े खिलाड़ियों की आक्रामक रणनीतियों और इनोवेशन का मुकाबला नहीं कर पाया.

इसके बाद धीरे-धीरे निरमा की लोकप्रियता घटती गई. एक समय 60% की हिस्सेदारी के साथ बाजार पर राज करने वाला निरमा 2000 के दशक के बाद तेजी से सिमटता गया. आज इसकी हिस्सेदारी महज 6% के आसपास रह गई है.

विज्ञापन भी रही बड़ी भूल

वहीं, करसन भाई की कंपनी से एक गलती विज्ञापन में भी हुई. कंपनी को ना जाने क्या सुझा कि इनोवेशन के नाम पर महिला की जगह पुरुष से कपड़े धुलवाने शुरू कर दिए. इसके लिए कंपनी ने ऋतिक रोशन को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. बस यही विज्ञापन महिलाओं से कनेक्ट नहीं हो सका और निरमा से बाजार आउट हो गया. कभी हेमा मालिनी समेत बॉलीवुड की चार मशहूर एक्ट्रेस निरमा का एड करती थीं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 17, 2025, 15:57 ISThomebusinessकरसन भाई की कौन-सी गलती ले डूबी निरमा को, कैसे इस ब्रांड का नामो-निशान मिट गया

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