Last Updated:March 26, 2025, 21:28 ISTदेश के 22% अल्ट्रा रिच लोग बेहतर जीवन स्तर और कारोबार की सुगमता के लिए विदेश में बसना चाहते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई पसंदीदा गंतव्य हैं. यूएई की ‘गोल्डन वीजा’ योजना खास आकर्षण है. भारती…और पढ़ेंयह सर्वे कोटक प्राइवेट और ईवाई ने मिलकर किया है. हाइलाइट्सदेश के 22% अल्ट्रा रिच लोग विदेश में बसना चाहते हैं.अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई पसंदीदा गंतव्य हैं.बेहतर जीवन स्तर और कारोबार की सुगमता मुख्य कारण हैं.नई दिल्ली. देश में करीब 22% अल्ट्रा रिच (अत्यधिक अमीर) लोग विदेश में बसने की इच्छा रखते हैं. इसकी वजह वहां का बेहतर जीवन स्तर, भारत की तुलना में अधिक सुविधाएं और कारोबार करने की आसान प्रक्रिया बताई जा रही है. एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अमीर भारतीयों के पसंदीदा गंतव्य हैं. खासतौर पर यूएई की ‘गोल्डन वीजा’ योजना की वजह से वहां बसने की इच्छा अधिक देखी गई है. यह सर्वे देश की प्रमुख संपत्ति प्रबंधन कंपनी कोटक प्राइवेट ने परामर्श कंपनी ईवाई के साथ मिलकर किया है.
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल करीब 25 लाख भारतीय विदेशों में बसने के लिए देश छोड़ देते हैं. सर्वे के मुताबिक, हर पांच में से एक अति धनाढ्य व्यक्ति या तो विदेश जाने की प्रक्रिया में है या जल्द ही ऐसा करने की योजना बना रहा है. हालांकि, इनमें से अधिकतर लोग भारतीय नागरिकता बरकरार रखते हुए अपने पसंदीदा देश में स्थायी रूप से निवास करना चाहते हैं.
प्रवास की मुख्य वजहेंअत्यधिक अमीर लोग विदेश में बसने के पीछे कई कारण बताते हैं. वे अपने जीवन स्तर, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और जीवनशैली को बेहतर बनाना चाहते हैं. करीब दो-तिहाई लोगों ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने की सुगमता को भी बड़ी वजह बताया. कई लोगों का मानना है कि विदेश में बसना उनके भविष्य के लिए एक अच्छा निवेश है. उनके मुताबिक, अपने बच्चों को बेहतरीन उच्च शिक्षा दिलाने की चाहत उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित करती है.
पूंजी बाहर जाने की चिंता नहींहालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष गौतमी गावनकर ने कहा कि इस फैसले को देश से पूंजी के बाहर जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार ने इस पर सख्त नियम बनाए हैं. उनके अनुसार, भारत में रहने वाला कोई भी भारतीय नागरिक हर साल अधिकतम 2,50,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 2 करोड़ रुपये) ही विदेश भेज सकता है. वहीं, एक प्रवासी को 10 लाख अमेरिकी डॉलर तक भेजने की अनुमति होती है. इस तरह के नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि अगर कोई व्यक्ति विदेश में बस भी जाता है, तो भी उसकी पूरी पूंजी देश से बाहर नहीं जा सकेगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 26, 2025, 21:28 ISThomebusinessचुटकी में देश छोड़ देंगे देश के बड़े अमीर, बसना चाहते हैं इन देशों में: सर्वे
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