हम तो भूखे मर जाएंगे, बैंक पर RBI के बैन के बाद बिलबिलाते दिखे ग्राहक

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Last Updated:February 14, 2025, 13:49 ISTRBI New India Cooperative Bank- न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की गुजरात और महाराष्‍ट्र में 32 शाखाएं हैं. आरबीआई द्वारा बैंक पर बैन लगाए जाने की खबर सामने के आने के बाद बैंक की कई शाखाओं के सामने ग्राहकों की भारी…और पढ़ेंन्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की गुजरात और महाराष्‍ट्र में 32 शाखाएं हैं.हाइलाइट्सआरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. बैंक ग्राहकों को कर्ज नहीं दे पाएगा और न ही ग्राहक बैंक से पैसे निकाल पाएंगे. बैंक पर प्रतिबंध की खबर सुनते ही शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भीड़ लग गई है.नई दिल्‍ली. मुंबई मुख्‍यालय वाले न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. बैंक अब कोई नया कर्ज नहीं दे सकेगा और न ही ग्राहक अपने जमा पैसे निकाल सकेंगे. यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और सुपरवाइजरी चिंताओं को देखते हुए उठाया गया है. बैंक पर प्रतिबंध लगाने की खबर सुनते ही बैंक की शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भीड़ लग गई है. जिन लोगों का बैंक में पैसा जमा है, उनमें ज्‍यादातर मध्‍यवर्गीय परिवारों से संबंध रखते हैं. पैसा निकालने पर रोक लगने से ये सभी सकते में हैं क्‍योंकि किसी को दवा लेने के लिए पैसों की जरूरत है तो किसी को ईएमआई भरने के लिए. कुछ लोगों के सैलरी अकाउंट भी इसी बैंक में है, इस वजह से उनके लिए रोजमर्रा के खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाएगा.

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की गुजरात और महाराष्‍ट्र में 32 शाखाएं हैं. आरबीआई द्वारा बैंक पर बैन लगाए जाने की खबर सामने के आने के बाद बैंक की कई शाखाओं के सामने ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मुंबई में बैंक का मुख्‍यालय है. मुंबई में बैंक की एक शाखा के बाहर खड़े हरिकृष्‍ण नाम के एक शख्‍स ने news18इंडिया को बताया कि उनके बैंक में 4 अकाउंट है और उनके पांच लाख रुपये फंस गए हैं. कल ही हरिकृष्‍ण बैंक से 40 हजार रुपये निकलवाने गए थे. बैंक ने उन्‍हें अगले दिन आने को बोला. हरिकृष्‍ण ने कहा कि उनके पास अब सब्‍जी खरीदने के भी पैसे नहीं है. वे पिछले 30 सालों से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक हैं. उनकी सारी जमा-पूंजी बैंक में जमा है, जिसे अब वे निकालने में असमर्थ हैं.

पाई-पाई जोड़ बचाया था पैसा गृहिणी संगीता पानिग्राही भी न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की शाखा के आगे हताश खड़ी हैं. उनका कहना है कि पाई-पाई बचाकर उन्‍होंने एक लाख बीस हजार रुपये जोड़े और उसे न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के अपने अकाउंट में दिया. अब बैंक बंद हो गया है और वे अपने पैसे नहीं निकाल पाएंगी.

भूखे मरने की आ जाएगी नौबतबैंक के बाहर खड़ी महिमा का सैलरी अकाउंट न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में है. उन्‍होंने बताया कि उनको आज इमरजेंसी में कहीं जाना था. ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन न होने पर वे शाखा आईं तो पता चला कि बैंक से पैसे निकालने पर बैन लग गया है. महिमा का कहना है कि इससे उनके लिए मुंबई जैसे शहर में भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.

कैसे होगा इलाज न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में ही शरीफल निशा ने चार लाख रुपये जमा कराए हैं. उनका कहना है कि बच्‍चों की परवरिश और अपने इलाज के लिए उन्‍होंने ये पैसे जमा किए. लेकिन, अब अगर उनको ये पैसे नहीं मिले तो उनके लिए अपनी दवा लेने के भी लाले पड़ जाएंगे. साथ ही बच्‍चों की पढाई भी प्रभावित होगी. दस साल से बैंक की ग्राहक पदमा का कहना है कि उन्‍हें नहीं पता था कि उनके साथ ऐसा होगा. उन्‍होंने बताया कि उनका 23 साल का लड़का दिव्‍यांग है. उसका इलाज चल रहा है. बैंक अकाउंट से रुपये निकालने पर 6 महीने तक बैन लग जाने से उनकी तो जिंदगी ही थम सी जाएगी.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 14, 2025, 13:37 ISThomebusinessहम तो भूखे मर जाएंगे, बैंक पर RBI के बैन के बाद बिलबिलाते दिखे ग्राहक

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