ऑनलाइन फ्रॉड रोकने को खाते में आए पैसे तुरंत निकालने पर रोक लगाने की तैयारी

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ऑनलाइन फ्रॉड रोकने को खाते में आए पैसे तुरंत निकालने पर रोक लगाने की तैयारी

Last Updated:January 20, 2025, 07:38 ISTम्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक खाते हैं जिनका इस्‍तेमाल साइबर अपराधियों द्वारा धन को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. म्यूल अकाउंट्स के कारण हर दो मिनट में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं हो रही हैं.
, म्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक खाते हैं जिनका इस्‍तेमाल साइबर अपराधियों द्वारा धन को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. नई दिल्‍ली. ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक कई कदम उठा रहे हैं. अब इसी कड़ी में ‘म्‍यूल अकाउंट्स’ के माध्‍यम से पैसे के हेर-फेर को रोकने के लिए खाते में आई राशि को कुछ समय के लिए बैंक अकाउंट में रोकने को ‘कुलिंग ऑफ’ सुविधा लाने पर विचार कर रही है. ‘कुलिंग ऑफ’ का मतलब है कि किसी बैंक खाते में डाली गई राशि को उस खाते से तुरंत ही दूसरे खाते में ट्रांसफर करने या निकालने पर एक सीमित समय के लिए रोक रहेगी. इससे म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से धन के लेन-देन को रोका जा सकेगा. म्‍यूल खातों का इस्‍तेमाल धोखाधड़ी की राशि को ट्रांसफर करने में किया जाता है, जिसे वापस पाना अक्सर मुश्किल होता है.

कुछ देशों में बैंक अकाउंट्स की ‘कुलिंग ऑफ’ सुविधा उपलब्ध है. भारत में भी अब सरकारी एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि इस तरीके से धन के ट्रांसफर पर रोक कितनी प्रभावी हो सकती है. इस सुविधा को शुरू करने से पहले ग्राहकों को असुविधा से बचाने के उपाय भी किए जाएंगे. म्यूल अकाउंट्स के कारण हर दो मिनट में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं हो रही हैं.

म्यूल अकाउंट्स क्या हैं?टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, म्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक खाते हैं जिनका इस्‍तेमाल साइबर अपराधियों द्वारा धन को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. म्यूल अकाउंट्स दो प्रकार के होते हैं. कुछ मामलों में खाताधारक स्वेच्छा से अपने खाते के इस्‍तेमाल की अनुमति देता है. अन्य मामलों में साइबर अपराधी खाताधारक की जानकारी के बिना ही धोखे से ही उसके खाते का इस्‍तेमाल करते हैं.

शुरूआती समय महत्‍वपूर्ण बैंक अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी में फ्रॉड की जानकारी तुरंत देना अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है. गोल्‍डन ऑवर में साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर रिपोर्ट करने से चुराए गए धन को स्कैमर्स के खातों तक पहुंचने से पहले फ्रीज़ करने की संभावना काफी बढ़ जाती है. प्रस्तावित “कूलिंग ऑफ पीरियड” का उद्देश्य धन के तुरंत ट्रांसफर को रोकना ही है.

गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, आईटी मंत्रालय और RBI धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जबकि बैंकों ने म्यूल अकाउंट्स से निपटने के प्रयास तेज कर दिए हैं. हालांकि, अधिकांश ऑनलाइन धोखाधड़ी, जैसे “डिजिटल अरेस्ट” या फ़िशिंग के अन्य मामले, सीधे बैंकों से संबंधित नहीं होते, लेकिन धोखाधड़ी की राशि म्यूल अकाउंट्स के माध्यम से निकाली जाती है.

बैंकों ने म्यूल अकाउंट्स से निपटने के लिए केंद्रीय सेल स्थापित करना शुरू कर दिया है और ऐसे खातों की पहचान के लिए तकनीक का उपयोग किया है. बैंकों ने उन खातों को भी बंद करना शुरू कर दिया है जो दो वर्षों से लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किए गए हैं, ताकि उनके दुरुपयोग को रोका जा सके.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 20, 2025, 07:38 ISThomebusinessऑनलाइन फ्रॉड रोकने को खाते में आए पैसे तुरंत निकालने पर रोक लगाने की तैयारी

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