शादी-बच्चे करने से पहले 2 बार सोचें! शार्क टैंक वाली नमिता थापर की सलाह पर छिड़ी बहस

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Last Updated:March 20, 2025, 20:30 ISTनमिता थापर ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर जोर देते हुए कहा कि हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले लोग शादी और पैरेंटिंग पर पुनर्विचार करें. सोशल मीडिया पर इस बयान ने बहस छेड़ दी है. कुछ लोगों ने समर्थन किया, तो कुछ ने आलोच…और पढ़ेंनमिता थापर एमक्यूोर फार्मा की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं.हाइलाइट्सनमिता थापर ने वर्क-लाइफ बैलेंस पर जोर दिया.70 घंटे काम करने वाले शादी और पैरेंटिंग पर पुनर्विचार करें.सोशल मीडिया पर नमिता के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया.नई दिल्ली. शार्क टैंक इंडिया की जानी-मानी इन्वेस्टर और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, नमिता थापर ने हाल ही में वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. उन्होंने कहा कि जो लोग हफ्ते में 70 घंटे काम कर रहे हैं, उन्हें शादी और पैरेंटिंग के फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए क्योंकि इतना ज्यादा काम करने से वे अपने परिवार और बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे. ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ को दिए एक इंटरव्यू में नमिता थापर ने वर्किंग प्रोफेशनल्स की मुश्किल लाइफस्टाइल पर चर्चा की.

उन्होंने बताया कि अधिकतर लोग करियर की रेस में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे अपने परिवार और बच्चों के लिए वक्त ही नहीं निकाल पाते. उन्होंने कहा, “अगर आप हफ्ते में 70 घंटे या उससे ज्यादा काम कर रहे हैं और बाकी समय में थोड़ा बहुत सो रहे हैं, तो फिर अपने बच्चे या लाइफ पार्टनर को आप कब समय देंगे? अगर आप माता-पिता के रूप में पर्याप्त मौजूद नहीं रह सकते, तो इससे परिवार को सिर्फ तकलीफ और मानसिक तनाव ही मिलेगा.” नमिता का मानना है कि जब कोई व्यक्ति माता-पिता बनता है, तो उसका यह फर्ज बनता है कि वह अपने बच्चे की देखभाल में भी उतनी ही जिम्मेदारी निभाए, जितनी अपने करियर में करता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ माता-पिता का पैसा ही काफी नहीं होता, बल्कि उनका समय और प्यार भी जरूरी होता है.

वर्किंग ऑवर्स कम करने चाहिए?नमिता थापर ने इस चर्चा के दौरान कंपनियों को भी जिम्मेदारी लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हायर लेवल पर बैठे लोगों को तो अपने करियर के लिए अधिक काम करना पड़ सकता है, लेकिन “आम कर्मचारियों के लिए वर्किंग ऑवर्स को बैलेंस रखना जरूरी है. कंपनियों को यह समझना होगा कि हर हफ्ते 70 घंटे काम करना एक नॉर्म नहीं बन सकता. यह अस्थायी रूप से किसी प्रोजेक्ट डेडलाइन के चलते ठीक हो सकता है, लेकिन लगातार इस तरह का शेड्यूल मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है.”

सोशल मीडिया पर क्या रही लोगों की प्रतिक्रिया?नमिता के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोगों ने उनकी सोच की सराहना की, तो कुछ ने उनके तर्क पर सवाल उठाए. एक यूजर ने लिखा, “नमिता ने एक सच्चाई को सामने रखा है. बहुत से लोग करियर में इतने बिजी हो जाते हैं कि अपने बच्चों के लिए वक्त ही नहीं निकालते. वर्क-लाइफ बैलेंस बहुत जरूरी है.”

दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इस बयान को आलोचनात्मक नजरिए से देखा. एक यूजर ने सवाल किया, “अगर इसी तर्क को माना जाए तो डॉक्टर, नर्स और अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को बच्चे ही नहीं करने चाहिए, क्योंकि उनकी जॉब भी काफी डिमांडिंग होती है.”

एक अन्य यूजर ने कहा, “महिलाओं को सिर्फ करियर और परिवार के बीच चुनाव करने की मजबूरी में नहीं डाला जाना चाहिए. उन्हें दोनों चीजों को बैलेंस करने का विकल्प मिलना चाहिए.”

वर्क-लाइफ बैलेंस: सिर्फ एक चर्चा या सख्त जरूरत?आज की तेज रफ्तार जिंदगी में वर्क-लाइफ बैलेंस एक अहम मुद्दा बन गया है. कई कंपनियां अब इस दिशा में सुधार कर रही हैं और कर्मचारियों के लिए फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स, हाइब्रिड मॉडल और वर्क-फ्रॉम-होम जैसी सुविधाएं दे रही हैं. हालांकि, कई इंडस्ट्रीज में अभी भी एक्स्ट्रा वर्किंग ऑवर्स को एक सक्सेस मंत्रा माना जाता है. लेकिन सवाल यही है कि क्या करियर की सफलता के लिए परिवार और मानसिक शांति की कुर्बानी देना सही है? नमिता थापर का बयान इसी बहस को और तेज कर गया है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 20, 2025, 20:30 ISThomebusinessशादी-बच्चे करने से पहले 2 बार सोचें! नमिता थापर की सलाह पर छिड़ी बहस

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