किसानों के लिए वरदान है यह योजना! 1 रुपये के खर्च में नुकसान की पूरी भरपाई

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किसानों के लिए वरदान है यह योजना! 1 रुपये के खर्च में नुकसान की पूरी भरपाई

Last Updated:February 13, 2025, 08:04 ISTCrop Insurance : बेमौसम बारिश और सूखे की वजह से देशभर के किसानों को खासा नुकसान हो रहा है. प्‍याज जैसी फसलों को सबसे ज्‍यादा नुकसान बारिश और सूखे से होता है. ऐसे में किसानों की उम्‍मीदें सिर्फ फसल बीमा जैसी योज…और पढ़ेंकिसानों को फसल बीमा के जरिये नुकसान की भरपाई हो जाती है. हाइलाइट्समहाराष्ट्र में फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई.किसानों को 1 रुपये के प्रीमियम में हजारों का मुआवजा मिलता है.महाराष्ट्र में प्याज की फसल का बीमा क्षेत्र तेजी से बढ़ा.नई दिल्‍ली. महाराष्‍ट्र के किसानों के लिए मोदी सरकार की योजना किसी वरदान से कम नहीं है. पर्यावरण में आ रहे बदलाव की वजह से जहां फसलें बर्बाद हो रही हैं, जिसकी भरपाई सरकार उन फसलों की बीमा के जरिये करती है. महाराष्‍ट्र के रहने वाले किसान श्रेयस तुकाराम ने अपनी पांच एकड़ प्याज की फसल का बीमा कराया था. नवंबर में राज्य में हुए चुनावों से ठीक पहले उन्हें फसल नुकसान के लिए 60,000 रुपये का मुआवजा मिला. उनका कहना है कि इस तरह फसलों का बीमा कराने का दांव सफल रहा है.

श्रेयस के अनुसार, पिछले साल अप्रैल में असमय बारिश ने मेरी तैयार फसल को बर्बाद कर दिया. वैसे देखा जाए तो यह नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं था, लेकिन यह बुवाई की लागत को पूरा करने के लिए काफी था. असमय बारिश और कीटों के बढ़ते प्रकोप के साथ फसल बीमा हमारे जैसे प्याज किसानों के लिए एक अच्छा सुरक्षा कवच है. उन्‍होंने कहा कि हमारे इलाके में अधिक से अधिक किसान फसल बीमा ले रहे हैं. प्रीमियम सिर्फ 1 रुपये है और मेरे अनुभव के अनुसार, मुआवजा भी ठीक-ठाक मिलता है.

किसानों का बढ़ रहा भरोसामहाराष्‍ट्र के नायगांव के रहने वाले एक और किसान एकनाथ शिंदे ने कहा कि फसल नुकसान के लिए बीमा कवर एक अच्छा सहारा है. धीरे-धीरे किसान इसे अपना रहे हैं. राज्य कृषि विभाग ने भी देखा है कि प्याज किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपने खेतों का बीमा करवा रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में महाराष्ट्र में 7.43 लाख हेक्टेयर से अधिक प्याज की फसल का बीमा किया गया. पांच साल पहले, 2019-20 में, यह संख्या केवल 45,000 हेक्टेयर थी.

क्‍यों बढ़ रहा बीमा का दायराकृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामूली प्रीमियम चार्ज करने का निर्णय इस महत्वपूर्ण वृद्धि का एक बड़ा कारण है. साल 2023 से महाराष्ट्र में किसानों को केवल 1 रुपये का प्रीमियम देना पड़ता है. इससे राज्य में बीमित क्षेत्र में वृद्धि हुई है. पहले प्रीमियम ज्‍यादा था, लेकिन प्रीमियम कम होने के तुरंत बाद किसानों द्वारा बीमा लेने में सबसे बड़ी वृद्धि हुई. दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, जिसने बारिश में अधिक अनिश्चितता लाई है और अत्यधिक बारिश को एक सामान्य घटना बना दिया है. इस स्थिति ने भी फसल बीमा योजना की स्वीकृति को बढ़ावा दिया है.

34 फीसदी प्‍याज होता है पैदामहाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का 34 प्रतिशत से अधिक हिस्सा देता है. प्रदेश के सबसे ज्‍यादा प्याज उगाने वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से नासिक डिवीजन में पिछले 5 में से 4 सीजन में अत्यधिक बारिश हुई है. मानसून के अंत में भारी बारिश के कारण खरीफ फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा, गर्मियों में भारी बारिश, विशेष रूप से 2023 में रबी फसल को भी नुकसान पहुंचा है और किसानों को सिर्फ फसल बीमा का सहारा मिला.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 13, 2025, 08:04 ISThomebusinessकिसानों के लिए वरदान है यह योजना! 1 रुपये के खर्च में नुकसान की पूरी भरपाई

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