कौन हैं तुहिन कांता पांडेय, अब जिनके इशारों पर चलेगा बाजार, लेंगे बुच की जगह

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कौन हैं तुहिन कांता पांडेय, अब जिनके इशारों पर चलेगा बाजार, लेंगे बुच की जगह

Last Updated:February 28, 2025, 01:11 ISTतुहिन कांता पांडे को सेबी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे. पांडे 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वित्त सचिव के रूप में कार्यरत थे. उनके सामने बाजार में स्थिरता लाना, निवेशकों…और पढ़ेंतुहीन कांता पांडेय 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं.हाइलाइट्सतुहिन कांता पांडे सेबी के नए अध्यक्ष नियुक्त.माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे तुहिन कांता पांडे.पांडे 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नए अध्यक्ष के रूप में मौजूदा वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 को समाप्त हो रहा है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने गुरुवार को उनके नाम पर मुहर लगाई. पांडे इस पद पर तीन वर्षों के लिए कार्यभार संभालेंगे.

तुहिन कांता पांडे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में वह वित्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं और भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण सचिवों में से एक माने जाते हैं. वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम नीतिगत फैसलों में भूमिका निभाई है. अगस्त 2024 में उन्हें वित्त सचिव बनाया गया था, जब सोमनाथन को कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था. इसके बाद से वह वित्त मंत्रालय के चार प्रमुख विभागों को संभाल रहे थे. उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव और वित्तीय मामलों की गहरी समझ को देखते हुए, सरकार ने उन्हें सेबी प्रमुख की जिम्मेदारी दी है.

सेबी प्रमुख की नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण?सेबी प्रमुख का पद भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद अहम होता है. यह अधिकारी न केवल शेयर बाजार की निगरानी करता है बल्कि निवेशकों के हितों की रक्षा और बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी निभाता है. सेबी चेयरमैन को भारत सरकार के सचिव के बराबर वेतन मिलता है, जो ₹5,62,500 प्रति माह (घर और कार भत्ते के बिना) होता है.

कैसे चुने गए तुहिन पांडे?सेबी प्रमुख के पद के लिए कई दिग्गज नौकरशाहों के नाम चर्चा में थे, जिनमें आईआरडीएआई के चेयरमैन देबाशीष पांडा, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, और तेल सचिव पंकज जैन शामिल थे. हालांकि, तुहिन पांडे को इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था. सरकार ने जनवरी 2025 में इस पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसकी अंतिम तिथि 17 फरवरी 2025 थी. इसके बाद एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत उन्हें इस पद के लिए चुना गया.

सेबी प्रमुख के रूप में तुहिन पांडे की प्राथमिकताएंअब जब तुहिन पांडे सेबी के नए प्रमुख बनने जा रहे हैं, उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी:

बाजार में स्थिरता लाना: हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया है, जिसे स्थिर करने की जरूरत होगी.

निवेशकों का विश्वास बढ़ाना: हिंडनबर्ग रिपोर्ट जैसे विवादों के बाद निवेशकों के विश्वास को फिर से मजबूत करना बड़ी चुनौती होगी.

बाजार नियमन को मजबूत करना: सेबी को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना ताकि बाजार में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके.

डिजिटल बदलाव को अपनाना: तेजी से बदलते तकनीकी और डिजिटल वित्तीय तंत्र को समझते हुए सेबी की नीतियों को आधुनिक बनाना.

नए सेबी प्रमुख से क्या उम्मीदें?सेबी का अगला नेतृत्व ऐसे समय में आ रहा है जब भारतीय स्टॉक मार्केट रिकॉर्ड ऊंचाइयों और चुनौतियों के बीच झूल रहा है. बाजार की पारदर्शिता, निवेशकों की सुरक्षा, और नियामकीय सुधारों के बीच संतुलन बनाना उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी परीक्षा होगी. निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की नजर अब तुहिन कांता पांडे पर टिकी है कि वह भारतीय प्रतिभूति बाजार को नई दिशा देने में कितने सफल होते हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 28, 2025, 01:03 ISThomebusinessकौन हैं तुहिन कांता पांडेय, अब जिनके इशारों पर चलेगा बाजार, लेंगे बुच की जगह

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